Thursday, April 25, 2024

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God Bless You का हिंदी मतलब ‘अस्सलामु अलैकुम’? Google ट्रांसलेशन की करतूत के बाद लोग माँग रहे जवाब

अंग्रेजी में 'God bless you' लिखते हैं तो गूगल ट्रांसलेशन में इसका अनुवाद 'अस्सलामु अलैकुम' दिखाया जाता है। हो रहा विरोध।

PM मोदी ने रखी थी ‘आत्मनिर्भर भारत’ की नींव, ‘आत्मनिर्भरता’ बना 2020 का ऑक्सफ़ोर्ड हिंदी शब्द

ऑक्सफ़ोर्ड लैंग्वेजेज़ ने 'आत्मनिर्भरता' को 2020 के लिए ऑक्सफ़ोर्ड हिंदी शब्द चुना है। PM मोदी ने कोविड-19 पैकेज की घोषणा करते हुए इस शब्द पर विशेष जोर दिया था।

बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटन न हिय के सूल: वाजपेयी की हिंदी ‘परंपरा’ को आगे ले जा रहे मोदी

आज का दिन हिंदी भाषा और हिंदी भाषी लोगों, दोनों के लिए बेहद ही खास दिन है, जिसे 'विश्व हिन्दी दिवस' के रूप में देश-विदेश में मनाया जाता है।

उर्दू में लिखा जाता था मनमोहन सिंह का भाषण, क्योंकि हिंदी पढ़ नहीं पाते पूर्व प्रधानमंत्री

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह हिन्दी नहीं पढ़ पाते हैं। उन्होंने जितने भी भाषण हिन्दी में दिए वह उर्दू में लिखे गए थे।

जब अटल बिहारी वाजपेयी की कविता के लिए शाहरुख से लेकर अमिताभ और जगजीत सिंह एक मंच पर आए

अटल बिहारी वाजपेयी के कविता संग्रह 'संवेदना' को वर्ष 2002 में म्यूजिक एल्बम के रूप में लाया गया था, जिसे अमिताभ बच्चन, जगजीत सिंह ने अपनी आवाज दी और शाहरुख़ खान ने इस गीत में अभिनय किया था।

हिन्दू धर्म त्यागने वालों को पुनः हिन्दू बनाना: वो पंडित मदन मोहन मालवीय, जो अपने परिचय को लेकर थे स्पष्ट

पंडित मदन मोहन अपने परिचय को लेकर स्पष्ट थे। अस्पृश्यता निवारण और शुद्धि (हिन्दू धर्म त्यागने वालों को पुनः हिन्दू बनाना) के घोर समर्थक थे।

काहे के महानायक: अमिताभ बच्चन ने चोरी की कविता की अपने नाम से पोस्ट, लेकिन दूसरों को भेजते हैं नोटिस!

अमिताभ बच्चन ने जो कविता अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर की है, उसकी वास्तविक रचनाकार ने अमिताभ बच्चन से इसे लेकर आपत्ति दर्ज की है।

मिर्जापुर 2 में जिस लेखक सुरेंद्र मोहन के उपन्यास ‘धब्बा’ को दिखाया, उन्होंने कहा – ‘चेंज करो इसे’

उपन्यास में बलदेव राज नाम का कोई किरदार भी नहीं है, जैसा दिखाया गया है। इसके विपरीत दृश्य में जो पढ़ा या दिखाया गया है, वह घोर अश्लीलता है।

मैं मुन्ना हूँ: कहानी उस बच्चे की जो कभी अंधेरी कोठरी में दाखिल होकर अपनी आँखें मूँद उजाले की कल्पना में लीन हो गया...

उपन्यास के नायक मुन्ना की कहानी आरंभ होती है उसके श्रापित बचपन से जहाँ वह शारीरिक, मानसिक झंझावतों से जूझता किशोरवय के अल्हड़पन को पार कर प्रेम की अनकही गुत्थियों को सुलझाता जीवन यात्रा में आगे बढ़ता रहा।

हथियारों से लैस होना जरूरी, वरना भेड़िये तो राह चलते साधुओं पर भी अकारण झपट्टा मारते हैं: दिनकर ने क्यों कहा था ऐसा?

फ़रवरी 21, 1963 को राज्यसभा में दिए अपने भाषण में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने समझाया था कि अहिंसा का अर्थ क्या होता है।

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