Wednesday, April 24, 2024

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हिन्दी केवल उत्तर भारत की नहीं: हिन्दी दिवस को हिन्दी बोलने वालों तक नहीं करें सीमित, न ही किया जाना चाहिए

हिन्दी का दायरा और महत्व केवल एक दिन तक सीमित नहीं किया जा सकता है और न ही किया जाना चाहिए। और हाँ, हिन्दी केवल उत्तर भारत की भाषा नहीं है।

मातृभाषया सह सापत्न्यम् आक्रान्तृभाषाभिः गर्लफ्रेंड् इव व्यवहारः किमर्थम्?

ह्यः अपि मित्रैः सह यूथं रचयितुं वाट्सैपे प्रयोजयामासिम। प्रसङ्गेऽस्मिन्नेकेन मित्रेण स्वरांशः प्रेषितः, नाम ऑडियो-क्लिप्। तदस्माभिश्चालितम् इत्युक्ते प्ले कृतं तदा मित्रस्य ध्वनिः श्रुतः “ब्रोज़ लेट्स हैंग आउट टुमॉरो! आई एंट गॉट टाइम टुडे।”

राही मासूम रजा को याद रखा, पंडित नरेंद्र शर्मा को भूल गए: महाभारत के संवादों पर वामपंथी प्रोपेगेंडा

महाभारत के संवाद-लेखन में राही मासूम रजा के साथ पंडित नरेंद्र शर्मा भी बराबर के भागीदार हैं। वामपंथियों ने जानबूझ कर 'गंगा जमुनी तहजीब' के लिए उन्हें किनारे कर दिया।

Interview: ‘पंचायत चुनावों ने की गाँवों की हत्या, नए लेखकों ने रखा लव जिहाद जैसे विषय को साहित्य से अछूता’

चाहे कोई भी वर्ग हो वो उनकी किताब की चाहकर भी नकारात्मक आलोचना नहीं कर सकता, क्योंकि उन्होंने अपनी किताब में सिर्फ़ सच्चाई लिखी है। वे कहते हैं कि किताब में मौजूद कहानियों को पाठक अपने से जोड़कर महसूस कर पाएगा और उसे ये भी लगेगा कि अगर वो इन मुद्दों पर लिखता तो वैसा ही लिखता जैसे श्रीमुख ने उन्हें पेश किया।

छात्रों ने कुलपति राकेश भटनागर पर लगाए धाँधली के गंभीर आरोप: शहर में लगे ‘BHU वीसी हिंदी विरोधी’ के पोस्टर

BHU के कुलपति राकेश भटनागर JNU के पूर्व प्रोफ़ेसर हैं। छात्रों ने आरोप लगाया है कि वीसी हिन्दी भाषी छात्रों के साथ भेदभाव कर रहे हैं। यहाँ तक कि भर्ती प्रक्रिया में वह अपने JNU के छात्रों को वरीयता दे रहे हैं। उन पर BHU का कुलपति रहते हुए अधिकांश नियुक्तियों में JNU, वामपंथ और अँग्रेजी को वरीयता देने जैसे कई गंभीर आरोप छात्रों ने पहले भी लगाए हैं।

बाबा नागार्जुन पर बाल यौन शोषण और हिंदी वालों की स्थिति… न उगलते बने, न निगलते

गुनगुन थानवी नामक किसी स्त्री ने जाने-माने जनवादी कवि बाबा नागार्जुन पर बाल यौन शोषण का अभियोग मढ़ दिया है। इस पूरे मामले में हिन्दी की राजनीति करने और उसे बेच-बेच खाने वालों की “कही त मैय मारल जै…” वाली दशा हो गई है।

हिन्दी अमेरिका में सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भारतीय भाषा: अमेरिकन कम्यूनिटी सर्वे ने जारी किए आँकड़े

1 जुलाई 2018 तक 8.74 लाख लोगों के साथ अमेरिका में हिन्दी सबसे अधिक बोली जाने वाली भारतीय भाषा रही, जो 2017 के आंकड़ों में 1.3% की मामूली बढ़ोतरी है। 2010 के बाद से 8 साल के दौरान, इस संख्या में 2.65 लाख लोग जुड़े जो 43.5% का इज़ाफ़ा है।

हिंदी बने पूरे देश की भाषा: जब गृहमंत्री रहते पी चिदंबरम ने की थी पैरवी, DMK भी थी साथ

गृह मंत्री रहते चिदंबरम ने हिंदी के पूरे देश की भाषा बनने की उम्मीद जताई थी। सरकारी दफ्तरों में संवाद के लिए हिंदी के इस्तेमाल पर जोर दिया था। लेकिन, अब जिस तरह उनकी पार्टी और गठबंधन के साथी अमित शाह के बयान पर जहर उगल रहे हैं उससे जाहिर है यह अंध विरोध के अलावा कुछ भी नहीं।

हिन्दीभाषियों का घमंड और कुतर्क बनाम हिन्दी से घृणा करने वाले कूढ़मगज

हिन्दीभाषियों के घमंड के दूसरे एक्सट्रीम पर वो लोग हैं जो हिन्दीभाषियों को घृणा से देखते हैं। एक बंगाली व्यक्ति ने लिखा कि हिन्दी वाले गुटखा खाने वाले हैं, गाली देने वाले हैं, भ्रूणहत्या करने वाले हैं, ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले हैं, ढोकला चुराने वाले हैं, भुजिया खाने वाले रक्तचूसक कीड़े हैं।

हिन्दी दिवस: एक भाषा ज़्यादा सीख लेने से संस्कृति कैसे बर्बाद होती है?

आप सोचिए कि हिन्दी जानने से आपकी संस्कृति कैसे प्रभावित हो रही है? अगर यह कहा जाए कि तुम तेलुगु छोड़ दो, और हिन्दी पढ़ो; तमिल में लिखे सारे निर्देश हटा दिए जाएँगे; कन्नड़ में अब नाटक या फिल्म नहीं बनेंगे; मलयालम की किताबों को जला दो... तब उसे हम कहेंगे कि 'हिन्दी थोपी जा रही है।'

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