कॉलेज में फेस्ट प्रोग्राम की प्रैक्टिस चल रही थी। इसी बीच किसी ने स्टेज पर 'जय श्रीराम' गाना चला दिया, जिसे सुन मुस्लिम छात्र बिदक गए और मारपीट शुरू हो गई।
सेल्युलर जेल में हिंदू क्रांतिकारी बहुसंख्यक थे। उनको नियंत्रित करने और यातनाएँ देने के मकसद से जेलर बारी ने मुसलमान अपराधी कैदियों को वार्डर, पहरेदार और हवलदार वगैरह नियुक्त कर दिया था।
भगवान राम का नाम लेने पर अतीक कुरैशी और अल्फाज कुरैशी ने छात्र को पीट दिया। उन्होंने कहा, 'यहाँ क्यों राम का नाम ले रहे हो, क्या पता नहीं है कि किस जगह (स्कूल पर) खड़े हो।'