वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक युवक टोपी पहने हुए है और मंदिर के अंदर स्थित प्रतिमा को लात मार कर उसे न सिर्फ अपमानित कर रहा है बल्कि उसे गिरा कर क्षतिग्रस्त भी कर देता है।
कोरोना को हल्के में लेने वाले, डॉक्टरों पर हमला करने वालों, थूकने, मल-मूत्र त्यागने वाले अधम श्रेणी के मनुष्यों की तुलना स्वामी जगन्नाथ के सेवायतों से करना धूर्तता है।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथपुरी में होने वाली वार्षिक रथयात्रा पर इस साल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण रोक लगा दी है। इसके बाद से ही हिन्दुओं में आक्रोश का माहौल है। लोगों का कहना है कि जब अनलॉक के तहत सारी चीजें खुल ही रही हैं तो फिर रथयात्रा पर रोक क्यों?
सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए फैसला दिया है कि कोरोना महामारी के फैलने के डर और लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जगन्नाथ मंदिर में होने वाली वार्षिक रथयात्रा ना निकाली जाए।