"मेरे बहादुरों। हमारे राजा जब तक गढ़ न पहुँच जाए, तब तक एक भी शत्रु इस दर्रे से होकर नहीं गुजरना चाहिए। मराठी आन की लाज हमारे हाथों में है। हर हर महादेव!"
कनाडा में भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा 27-29 नवंबर को होने वाले तीन दिवसीय जेएलएफ टोरंटो लिटरेचर फेस्टिवल के लिए देवदत्त पटनायक और विलियम डेलरिम्पल जैसे विवादास्पद ‘इतिहासकारों’ को आमंत्रित करने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
यहाँ कई मंदिर भी थे, जिसे इस्लामी आक्रांताओं ने ध्वस्त कर दिया। कुव्वतुल इस्लाम मस्जिद के लिए मुख्यतः इन्हीं ध्वस्त मंदिरों के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था।
गुजरात हिस्ट्री के इसी दावे पर कुछ लोगों में काफी नाराजगी है। आदि नाम के एक यूजर ने दावा किया है कि जलेबी प्रभु राम के जन्मदिन पर भी बनाई जाती थी जिसका जिक्र आध्यत्म रामायण में है।
महाराजा हरि सिंह को नेहरू का शेख अब्दुल्ला के साथ मैत्रीपूर्ण बर्ताव बिलकुल नहीं पसंद था। जबकि जिन्ना को लग रहा था कि J&K की बहुसंख्यक आबादी के कारण महाराजा उनके साथ ही शामिल होंगे।