इससे पहले पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने बलात्कार की ख़बरों पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत को दुनिया का रेप कैपिटल बता दिया था। उन्होंने कहा था कि रोज़ के अख़बारों में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की कई ख़बरें आती हैं। राहुल गाँधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए....
"वे गोलीबारी करते रहे। हमारे द्वारा आत्मसमर्पण करने के लिए कहने के बावजूद उन्होंने गोलीबारी और हमला करना जारी रखा। इस घटना में अरविंद गौड़ और वेंकटेश्वरुलु नाम के दो पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए। उनके सिर पर भी गंभीर चोटें लगी।"
“.....सबसे पहले आज जो खबर मिली उस खबर से दिल को बड़ा सुकून मिला। हैदराबाद पुलिस ने गैंगरेप के चारों आरोपितों को एनकाउंटर में मार गिराया। पुलिस ने बड़ा ही साहसिक निर्णय लिया है और मैं पुलिस के इस निर्णय के साथ हूँ।”
हैदराबाद एनकाउंटर को फ़र्ज़ी बताते हुए कोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि चारों आरोपितों के शवों के पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफ़ी कराई जाए। उन वीडियो फुटेज को कोर्ट में सब्मिट किया जाएगा। इसके बाद...
सुबह 5.45 से 6.15 के बीच क्या-क्या हुआ, पुलिस ने दी हर डिटेल की जानकारी। आरोपितों ने पुलिस पर चलाई गोली। डंडे और पत्थर से भी किया हमला। कहा- मानवाधिकार आयोग को जवाब देने के लिए हैं तैयार।
आँकड़ों के मुताबिक़, यूपी में पिछले दो साल में 5,178 मुठभेड़ों में पुलिस ने 103 अपराधियों को मार गिराया है। 1,859 अपराधी पुलिस कार्रवाई में जख्मी हुए। इसके अलावा, 17,745 अपराधियों ने डर से आत्मसमर्पण किया या खुद ही जमानत रद्द करा जेल पहुँच गए।
हैदराबाद इनकाउंटर को लेकर सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक पुलिस का आभार व्यक्त किया जा रहा है। घटनास्थल पर पहुँचे हजारों लोगों ने पुलिस पर फूल बरसाए हैं और महिलाओं ने पुलिस की कार्रवाई पर अपनी खुशी प्रकट करते हुए उन्हें राखी बाँधी है। एसीपी और डीसीपी जिंदाबाद के नारे भी...
साल 2008, दो लड़कियाँ इंजिनियरिंग की पढ़ाई करती थीं - स्वपनिका और प्रनिथा। स्वपनिका को श्रीनिवास ने प्रोपोज किया। स्वपनिका ने ठुकरा दिया। लेकिन 'मर्द' श्रीनिवास ने इसे अपना अपमान समझा। अपने 2 दोस्तों के साथ मिलकर उसने स्वपनिका के साथ-साथ प्रनिथा पर भी एसिड फेंक दिया।
कानून मंत्री रेड्डी ने कहा कि आरोपितों को भगवान ने उनके किए की सजा दी है। जिससे हैदराबाद समेत पूरे देश में खुशी है। उन्होंने दावा भी किया कि वह चारों पुलिस के हथियार लेकर भागने की कोशिश कर रहे थे, तभी पुलिस ने उन पर फायरिंग की।
इससे पहले पीड़िता के पिताजी ने मंगलवार को कहा था, "दोषियों को जितना जल्दी संभव हो उतनी जल्दी सजा मिलनी चाहिए। कई कानून बनाए गए लेकिन उनका पालन नहीं हो रहा है। निर्भया केस को ही देख लीजिए। दोषियों को फाँसी पर लटकाना चाहिए।"