Sunday, May 5, 2024

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IIT-AIIMS के पूर्व छात्रों ने तैयार किया Covid-19 वायरस को केमिकल की जगह पानी की बूँदों को आवेशित कर निष्क्रिय करने वाला डिवाइस

कोरोना वायरस को निष्क्रिय करने के लिए इस तकनीक में केमिकल की जगह पानी की बूँदों को ही आवेशित कर छिड़काव किया जा रहा है, जो कि सार्वजनिक स्थानों पर मौजूद वायरस और बैक्टीरिया को निष्क्रिय करने में सक्षम है।

चीन-अमेरिका दावा ही करते रह गए, IIT Delhi ने बना डाली सस्ती कोरोना वायरस टेस्ट किट

रिसर्च टीम में पीएचडी स्कॉलर प्रशांत प्रधान, आशुतोष पांडे और प्रवीण त्रिपाठी, पोस्ट-डॉक्टोरल फेलोज डॉक्टर पारुल गुप्ता और अखिलेश मिश्रा एवं प्रोफेसर विवेकानंद पेरुमत, मनोज बी मेनन, जेम्स गोम्स और बिश्वजीत कुंडु शामिल हैं।

IIT बॉम्बे को JNU बनाने की साजिश की पोल खोल: ग्रोवर और कश्यप जैसों के सहयोग से हावी होता गिरोह

वरुण ग्रोवर और अनुराग कश्यप जैसों की नज़र अब देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक पर है। उसे धीमे-धीमे बर्बाद करने की साज़िश रची जा रही है। IIT बॉम्बे को चंद वामपंथी प्रोफेसरों व छात्रों ने बंधक बना लिया है। रवीश कुमार व अन्य वामपंथी मीडिया उनका समर्थन कर रहे हैं।

देश विरोधी गतिविधियों से दूर रहें: IIT बॉम्बे का सर्कुलर, यहीं से पढ़ा है शाहीन बाग का मास्टरमाइंड शरजील

हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के लिए 15 बिंदुओं वाली नियमावली जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि यहॉं रहने वाले लोग किसी भी देश विरोधी, गैर सामाजिक या किसी अवांछनीय गतिविधियों का हिस्सा नहीं बनेंगे।

अपने ही प्रोफेसर को टोकने वाले, प्रिंसिपल के सामने रिकॉर्ड तोड़ने वाले वशिष्ठ नारायण… अब नहीं रहे?

किस्सा तो मशहूर यह भी है कि नासा में एक बार अपोलो की लॉन्चिंग से ठीक पहले 31 कंप्यूटर कुछ देर के लिए बंद हो गए थे, ऐसे में वशिष्ठ नारायण के द्वारा किया गया सारा कैल्कुलेशन और कंप्यूटर्स के ठीक होने के बाद किया गया कैल्कुलेशन बिलकुल एक था। लेकिन...

केले के रेशे से बना सैनिटरी पैड होगा 120 बार इस्तेमाल, जानें कितनी है कीमत? क्या है खास?

पैड में केले के रेशे के अलावा टेरी, पॉलिस्टर पिलिंग और कॉटन का इस्तेमाल किया गया है। महिलाओं को माहवारी के दौरान होने वाले गीलेपन से छुटकारा मिलेगा, क्योंकि इसमें मौजूद विस्कोस और पॉलिस्टर अत्यधिक शोषक है।

पहाड़ों में ड्रोन का कमाल, 100 Km/h की रफ्तार से पहुँचाया ब्लड सैंपल

इस ड्रोन को सीडी स्पेस रोबॉटिक्स लिमिटेड नाम की एक फ़र्म ने बनाया था और इसके मालिक निखिल उपाधे हैं जो आईआईटी कानपुर के छात्र रह चुके हैं। उपाधे के अनुसार, “हमने जो ड्रोन बनाए हैं उनमें कूलिंग किट के साथ-साथ आपातकालीन दवाओं और ब्लड यूनिट को ट्रांसपोर्ट करने की क्षमता है।”

PM मोदी के नाम से ‘लैपटॉप योजना’ चलाने वाला निकला IITian, हुआ गिरफ्तार

23 साल का राकेश राजस्थान में नागौर जिले के पुंदलोता का निवासी है। 2019 में IIT दिल्ली से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद आरोपित अपनी फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों को हैदराबाद में नौकरी का ऑफर देकर ठगता था।

IIT बॉम्बे की खोजः कचरे से बनेगा फ़्यूल सेल, घर होंगे रौशन

ये किसी की सोच से भी परे की बात है की उनका फेंका हुआ कचरा ऊर्जा का उत्पादन कर सकता है, ये भविष्य की ऊर्जा है, नतीजे बेहद चौंकाने वाले और उत्साह भरने वाले हैं, अब हमें इनके व्यवसायिक उत्पादन और उसके आर्थिक पहलू पर भी काम करने की ज़रूरत है।

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