सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) को निर्देश दिया है कि 18 साल के एक छात्र को इंजीनियरिंग (engineering) में अंतरिम दाखिला (Interim Admission) प्रदान करें।
इस किट की कीमत वर्तमान में मार्केट में मौजूद किट्स की कीमत की तुलना में कम ही रहेगी। IIT दिल्ली का यह COVID-19 टेस्ट किट 3 घंटे के अंदर रिजल्ट दे सकता है।
कोरोना वायरस को निष्क्रिय करने के लिए इस तकनीक में केमिकल की जगह पानी की बूँदों को ही आवेशित कर छिड़काव किया जा रहा है, जो कि सार्वजनिक स्थानों पर मौजूद वायरस और बैक्टीरिया को निष्क्रिय करने में सक्षम है।
रिसर्च टीम में पीएचडी स्कॉलर प्रशांत प्रधान, आशुतोष पांडे और प्रवीण त्रिपाठी, पोस्ट-डॉक्टोरल फेलोज डॉक्टर पारुल गुप्ता और अखिलेश मिश्रा एवं प्रोफेसर विवेकानंद पेरुमत, मनोज बी मेनन, जेम्स गोम्स और बिश्वजीत कुंडु शामिल हैं।
वरुण ग्रोवर और अनुराग कश्यप जैसों की नज़र अब देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक पर है। उसे धीमे-धीमे बर्बाद करने की साज़िश रची जा रही है। IIT बॉम्बे को चंद वामपंथी प्रोफेसरों व छात्रों ने बंधक बना लिया है। रवीश कुमार व अन्य वामपंथी मीडिया उनका समर्थन कर रहे हैं।
हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के लिए 15 बिंदुओं वाली नियमावली जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि यहॉं रहने वाले लोग किसी भी देश विरोधी, गैर सामाजिक या किसी अवांछनीय गतिविधियों का हिस्सा नहीं बनेंगे।
किस्सा तो मशहूर यह भी है कि नासा में एक बार अपोलो की लॉन्चिंग से ठीक पहले 31 कंप्यूटर कुछ देर के लिए बंद हो गए थे, ऐसे में वशिष्ठ नारायण के द्वारा किया गया सारा कैल्कुलेशन और कंप्यूटर्स के ठीक होने के बाद किया गया कैल्कुलेशन बिलकुल एक था। लेकिन...
पैड में केले के रेशे के अलावा टेरी, पॉलिस्टर पिलिंग और कॉटन का इस्तेमाल किया गया है। महिलाओं को माहवारी के दौरान होने वाले गीलेपन से छुटकारा मिलेगा, क्योंकि इसमें मौजूद विस्कोस और पॉलिस्टर अत्यधिक शोषक है।
इस ड्रोन को सीडी स्पेस रोबॉटिक्स लिमिटेड नाम की एक फ़र्म ने बनाया था और इसके मालिक निखिल उपाधे हैं जो आईआईटी कानपुर के छात्र रह चुके हैं। उपाधे के अनुसार, “हमने जो ड्रोन बनाए हैं उनमें कूलिंग किट के साथ-साथ आपातकालीन दवाओं और ब्लड यूनिट को ट्रांसपोर्ट करने की क्षमता है।”