ना केवल अपनी सेवाओं से बल्कि रेलवे आर्थिक स्तर पर भी देश की मदद कर रहा है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट करके बताया कि उन्होंने व रेल राज्य मंत्री ने अपनी एक महीने की सैलरी व रेलवे के 13 लाख कर्मचारियों व PSU के सभी कर्मचारियों ने अपनी 1 दिन की सैलरी PM-CARES फंड में देने का निर्णय किया। इसका कुल योगदान 151 करोड़ हुआ।
"सरकारी एयरलाइन कंपनी ने 30 अप्रैल तक की बुकिंग लेना बंद कर दिया है। कंपनी ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि अगर वो बुकिंग करने के बाद उड़ान नहीं भरते तो यात्री उनके ऊपर केस कर सकते हैं, इसलिए उन्होंने अपने दायित्व को कम करने के लिए 30 अप्रैल तक बुकिंग लेना बंद कर दिया।" - एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया।
हाल ही में पंजाब के मोगा से 390 टन खाद्य पदार्थों को एक पार्सल स्पेशल ट्रेन के जरिए असम के चंगसारी पहुँचाया गया। इनमें डेयरी प्रोडक्ट्स और नूडल्स सहित कई अन्य चीजें शामिल थीं। रेलवे ने जनता को जागरूक करते हुए बताया है कि भारतीय रेल सेवा कभी युद्धकाल में भी नहीं रुकी, ऐसे में वो स्थिति की गंभीरता को समझें और घरों में ही रहें।
आइसोलेशन कोच तैयार करने के लिए बाथरूम, गलियारे और दूसरी जगहों पर भी बदलाव किया गया है। बोगियों में आइसोलेशन वॉर्ड के साथ ही मरीजों के लिए साफ-सुथरे टॉयलेट का भी प्रबंध किया है।
31 मार्च तक देश में यात्री ट्रेनें पूरी तरह बंद रहेंगीं, इसमें मेल, सुपरफास्ट और पैसेंजर सभी प्रकार की ट्रेनें शामिल हैं। इस दौरान केवल मालगाड़ी ही चलेंगी और जो यात्री ट्रेनें अपने सोर्स स्टेशनों से गंतव्य की ओर रवाना हो चुकी हैं, वे सभी अपनी-अपनी यात्रा पूरी कर गंतव्य स्टेशनों पर ही हॉल्ट करेंगीं।
जिन लोगों ने इन ट्रेनों में टिकट बुक कराए थे, उन्हें व्यक्तिगत रूप से इसकी जानकारी दी जा रही है। इन ट्रेनों में टिकट रद्द होने का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यात्रियों को पूरा पैसा वापस मिलेगा। रेलवे ने कहा कि सामाजिक दूरी सुनिश्चित करना जरूरी है।
कुछ लोग कोरोना वायरस को लेकर कुछ ऐसा कर रहे हैं जो दूसरे को संकट में डाल सकता है। कर्नाटक में एक रेलवे कर्मचारी पर इसी को लेकर कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया है, जिसने विदेश से लौटे अपने बेटे की पहचान छुपाई थी। बेंगलुरू की रहने वाली एक महिला रेलवे कर्मचारी का बेटा हाल ही में विदेश से लौटा था।
देश का जनमानस लम्बी दूरी की सुलभ व सस्ती यात्रा के लिए हमेशा से रेलवे को प्राथमिकता देता रहा है। इसे ध्यान में रख मोदी सरकार रेलवे का कायाकल्प करने की दिशा में बढ़ रही है। सुरक्षा, तकनीक, सुविधा और रफ्तार पर सरकार का फोकस है।
राजनीतिक हिंसा के लिए कुख्यात बंगाल की सरकार विकास परियोजनाओं को लेकर भी उदासीन है। राज्य में 1974 में 110 किमी लंबी एक रेल परियोजना शुरू हुई। आप जानकर हैरत में रह जाएँगे कि 46 साल में यह परियोजना महज 42 किमी ही पूरी हो पाई है।
हमें यकीन है कि ये महिलाएँ अपनी ऊर्जा बेफिजूल चिल्लाकर बर्बाद नहीं करती होंगी। इन्हें सरकारी योजना के तहत केवल दियासलाई की लालसा नहीं रहती होगी। ये पारिवारिक आय के लिए सिर्फ़ किसी पुरूष पर आश्रित नहीं रहती होंगी।