फरवरी में यह बात सामने आई थी कि सीमा रिज़वी पर हमले के आरोपों में सफूरा ज़रगर समेत 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। रिज़वी ने अपनी शिकायत में कहा था कि जामिया मस्जिद के नजदीक कुछ प्रदर्शनकारियों ने उसे रोक लिया था। आरएसएस का एजेंट बताते हुए हमला किया था।
मीरान हैदर मूल रूप से बिहार के सीवान का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक हैदर के खिलाफ दंगों को भड़काने और साजिश के सबूत मिले हैं। उसने शाहीन बाग, जामिया व अन्य जगहों पर विरोध-प्रदर्शन के दौरान भी लोगों को उकसाया था।
अबरार अहमद ने ट्वीट कर बताया था कि सीएए का समर्थन करने वाले गैर मुस्लिम छात्रों को फेल कर दिया है। ऑपइंडिया ने इसकी रिपोर्ट की और यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उसके ट्वीट के आधार पर कार्रवाई।
"मैंने जामिया से MA किया है। प्रथम वर्ष में 67% अंकों के साथ टॉप भी किया था। लेकिन हिजाब वाली एक डायरेक्टर मुझे हमेशा नीचा दिखाती थी, क्योंकि उन्हें मेरा नाम नहीं पसंद था। नक्सलियों के प्रति झुकाव रखने वाले एक अन्य प्रोफेसर ने मुझे हमेशा कम नंबर दिए। जिहादी नक्सलियों की सॉंठगॉंठ काफी मजबूत है।"
अबरार ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि मेरे सभी विद्यार्थी पास हो गए, सिर्फ 15 गैर मुस्लिमों को छोड़कर, जो सीएए के समर्थन में थे या फिर सीएए का विरोध करने वालों के खिलाफ में थे।
चारों तरफ से काफ़ी आलोचना होने के बाद उसने ऐसा किया। बकौल अबरार,वो हिन्दू छात्रों को फेल करने की बात कह के ये दिखाना चाह रहा था कि कैसे सरकार विभिन्न समुदायों के बीच भेदभाव कर रही है। सफाई देते हुए भी उसने सीएए के विरोध में बातें कही।
इसके अलावा अपनी एक ट्वीट में जामिया के प्रोफ़ेसर अबरार अहमद ने कहा था कि अगर भारत हिन्दू राष्ट्र बन गया तो फिर यहाँ की महिलाओं का क्या होगा? उसने कहा था कि अधिकतर बलात्कार आरोपित वही हैं, जो हिन्दू राष्ट्र या फिर रामराज की बात करते हैं।
दिल्ली पुलिस ने अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट में यह भी कहा है कि पेट्रोल बम लिए घूम रहे दंगाइयों और फँसे हुए निर्दोष स्टूडेंट्स के बीच फर्क करना बेहद मुश्किल था, क्योंकि उस समय अँधेरा हो चुका था।