इंदिरा ने पुराने कॉन्ग्रेस को फुस्स कर एक ऐसी कॉन्ग्रेस खड़ी कर ली जहाँ उनके चाटुकारों ने 'इण्डिया इज इंदिरा एंड इंदिरा इज इण्डिया' कहने में भी संकोच नहीं किया।
नई दिल्ली स्टेडियम में 50,000 लोगों ने 'चाचा नेहरू' के नारे के बीच जन्मदिन का जश्न मनाया। जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में ही इसे 'बाल दिवस' घोषित किया गया।
सरदार पटेल के निधन के बाद पीएम नेहरू ने राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को उनके अंतिम संस्कार में जाने से मना किया था। वो सरदार पटेल को सिर्फ एक साधारण मंत्री समझते थे।