Saturday, April 27, 2024
Homeहास्य-व्यंग्य-कटाक्षपप्पू से गाँधी वापस चाहते हैं बापू, 2 अक्टूबर के दिन दरवाजा खुलवाया और...

पप्पू से गाँधी वापस चाहते हैं बापू, 2 अक्टूबर के दिन दरवाजा खुलवाया और ठोक दी PIL

बापू आज धुन में थे। खुलने से इनकार कर रहे दरवाजे को इतना धुना कि वह गाँधी जयंती पर भी खुला। PIL में कहा गया- बापू, गाँधी वापस चाहते हैं। वे गाँधी के साथ पप्पू को अब और ढोने को तैयार नहीं…

तारीख है 2 अक्टूबर। साल का क्या है, हर 365 दिन पर बदल जाता है। हर चार साल पर जिद्दी भी हो जाता है और बदलने में 366 दिन ले लेता है। उस गोले का कैलेंडर भी इस गोले जैसा है। इस गोले पर आज मोहनदास करमचंद गाँधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है। उस गोले पर जयंती तो नहीं मन रही पर गहमागहमी असामान्य है।

असल में हुआ यूँ कि बापू रोज की तरह इंद्रप्रस्थ पार्क में मार्निंग वॉक पर थे। हाथ में लाठी तो थी पर आभा और मनु साथ नहीं थीं। टहलते-टहलते बापू समय से टकरा गए। बात शुरू हुई उस कारस्तानी से जो इंद्रप्रस्थ पार्क का नाम बदलकर जवाहर पार्क करने को लेकर चल रही थी। बापू बोले- जिन्ना भी जिद्द किए बैठा है कि आधा पार्क उसे चाहिए। डायरेक्ट एक्शन डे की धमकी दे रहा है। जवाहर कह रहा है कि 75 टुकड़े कर दो पर एक तो उसके नाम हो ही। अचानक बापू मौन हो गए। गहरी साँस ली। मानो सोच रहे थे कि इस गोले से उस गोले तक ये तो ऐसे गले पड़े, जैसे विक्रम के पीछे बेताल। सहारा देने को आभा और मनु भी न थी। नि:सहाय बापू ने खुद ही समय से पूछा कि उस गोले पर क्या चल रहा है।

समय ने कहा- मैं समय हूँ और बापू ने चश्मा उतार आँखों पर गैलीलियो की दूरबीन चढ़ाई। नजर इस गोले पर टिक गई। समय ने बताया- ये ​देखिए बापू, ये है 24 अकबर रोड। आपने तो स्वतंत्रता के बाद इस दुकान का शटर गिराने को कहा था। लेकिन न तब शटर गिरा, न अब शटर गिरा है। पर अभी आपस में ही मारा-मारी है। शटर भले न गिरे, इंद्रप्रस्थ पार्क के टुकड़े भले न हो पर इस दुकान के टुकड़े होने का वक्त आ गया। इसलिए आजकल जवाहर के नाते-रिश्तेदारों को आप बहुत याद आ रहे हैं।

बापू समझ न पाए तो समय उन्हें सन 1939 में लेकर चला गया। अब समय की गति है। एक पल में यहाँ, दूजे पल वहाँ। सन 39 के त्रिपुरी अधिवेशन में पहुँचते ही बापू को कुछ बताने की जरूरत न पड़ी। उन्हें खुद याद आ गया कि कैसे जवाहर की राह निष्कंटक करने के लिए सुभाष का हिसाब हुआ था। जब याददाश्त लौटी तो समय ने याद दिलाया कि आजकल जनपथ की हवा भी कुछ ऐसी ही है।

बापू का मन ​उद्गिन हो उठा। सुभाष के साथ हुआ हिसाब कचोटने लगा। समय से कहा कुछ और दिखाओ कि दिल्ली वाले सर जी बापू की दूरबीन से टकरा गए। बापू ने झटके से दूरबीन नजरों से हटाई जैसे कोई दु:स्वप्न देख लिया। खुद ही समय से बोले- सुना है इसने मुझे ही बेच अपनी दुकान सजाई है। रालेगण सिद्धि से किसी को गाँधी बनाकर लाया, उसके कँधे चढ़ा और फिर उसे लात मार दी… बापू आगे नहीं बोल पाए। उनका दुख समझते समय को देर न लगी। बस इतना ही कहा- बापू ये भी आपके जवाहर ब्रीड का ही है!

दुखी बापू ने कहा इस शहर से मन उचट गया है। त्रिपुरा की बात की तो मध्य प्रदेश ही ले चलो। सुना है गजब है मध्य प्रदेश! समय उन्हें मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में लेकर आ पहुँचा। कहते भी हैं- रात मालवा न देखा तो क्या देखा। अब चूँकि रात हुई नहीं थी तो बापू से राहुल गाँधी टकरा गया। टकरा गए उसके दर्द। फूट-फूट कर रोया। समय से विस्तार से बापू को राहुल गाँधी की कथा सुनाई।

बापू सन्न! नि:शब्द! फिर उन्हें याद आया कि वे बैरिस्टर भी थे। समय की गति पर पर सवार हो आँखों पर पट्टी बँधी देवी के दरवाजे पर खड़े हो गए। दरवाजे ने खुलने से इनकार कर दिया। कहा- आज गाँधी जयंती है का हॉलीडे है। बापू फट पड़े। झट से सवाल दागा- आधी रात जिसके लिए दरवाजे खोले उसका प्रोफाइल मेरे से चकाचक था? मुँह न खुलवाओ मेरा। तुम्हारे इस पिलपिलेपन को मैं खूब बूझता हूँ। इसी का नतीजा है कि किसानों के नाम पर सड़कों पर गुंडागर्दी हो रही… बापू अपनी ही धुन में थे। समय ने चुपके से दरवाजे के कान में कहा- अब खुद की कितनी बेइज्जती करवाओगे। आज भी राष्ट्रपिता हैं। एक बार पिलपिलेपन का ठप्पा लगा दिया तो भले जितनी बार भी धोओ, सर्फ एक्सेल से भी दाग न जाएगा। दरवाजे को बात जँच गई और वह खुल गया। पीआईएल में कहा गया है- बापू, गाँधी वापस चाहते हैं। वे गाँधी के साथ पप्पू को अब और ढोने को तैयार नहीं…

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बेटा सनातन को मिटाने की बात करता है, माँ जाती है मंदिर: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की पत्नी दुर्गा स्टालिन ने की श्री...

दुर्गा स्टालिन ने केरल में भगवान गुरुवायुरप्पन के दर्शन कर उन्हें 32 सिक्कों के वजन वाली टोपी अर्पित की थी, तो अब वो आँध्र प्रदेश के तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर पहुँची हैं।

कसाब को फाँसी के फंदे तक पहुँचाया, 1993 मुंबई ब्लास्ट के आतंकियों को दिलाई सज़ा: वकील उज्जवल निकम को BJP ने चुनावी मैदान में...

मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट पर अब बीजेपी के उज्जवल निकम का सामना वर्षा गायकवाड़ से होगा। वर्ष गायकवाड़ धारावी विधानसभा सीट से कॉन्ग्रेस की विधायक हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe