मेरा लक्ष्य ग़रीबी मिटाना है। राज्य में गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या कम हो रही है। सखी मंडलों से महिलाएँ सशक्त हो रही हैं। हमने पलायन रोका है। योजनाओं का ज़्यादा से ज़्यादा प्रसार करना है।
दुर्गा-पूजा विसर्जन जुलूस जब साहिबगंज के बाटा रोड से एलसी रोड की तरफ जा रहा था, तभी मुस्लिमों ने पत्थरबाजी की। इससे पहले कि जुलूस एलसी रोड पहुँचता, तब मुस्लिम बहुल इलाक़ा शुरू होने से ठीक पहले स्थित आर्य समाज मंदिर पर पत्थरबाजी की गई।
गोपनीय रिपोर्ट की शुरुआती जाँच के बाद तीनों जजों पर लगे आरोपों को सही पाया गया और तीनों को निलंबित कर दिया गया। निलंबन के साथ ही तीनों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। इसका जवाब मिलने के बाद हाईकोर्ट आगे की कार्यवाही करेगा।
स्कूल प्रिंसिपल ने परिसर में हुई घटनाओं का हवाला देकर बच्चों के निलंबन को सही ठहराने की कोशिश की है। उनका कहना है कि स्कूल परिसर में इसी प्रकार नारे लगाने को लेकर पूर्व में दूसरे स्कूल में विवाद हो चुका है। हम अपने स्कूल में कोई विवाद नहीं चाहते।
कलीमुद्दीन युवाओं को आतंकी संगठन में भर्ती कर उन्हें पाकिस्तान भेजा करता था। 2014 में वह दुबई के रास्ते पाकिस्तान गया था और कराची में रुका था। वहीं उसे हथियार चलाने का प्रशिक्षण भी दिया गया था।
"किसानों की सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत मासिक पेंशन दिया जाएगा, जिसके लिए 18 से 40 उम्र तक के किसान खुद को इस स्कीम में पंजीकृत कर सकते हैं। इसके बाद 60 की उम्र पार करते ही उन्हें 3000 रुपए हर महीने मिलने लगेंगे।"
"तबरेज अंसारी की मौत घटनास्थल पर नहीं हुई थी, और ग्रामीणों का भी अंसारी को मारने का कोई इरादा नहीं था। मेडिकल रिपोर्ट में भी हत्या के आरोपों की पुष्टि नहीं हो पाई।" - आईपीसी की धारा 304 के तहत दाखिल चार्जशीट पर सरायकेला-खरसावां के एसपी कार्तिक का बयान।
कॉन्स्टेबल राकेश कुमार के साथ पीछे बैठे ASI रामेश्वर राय ने हेलमेट नहीं लगाया था। जब राकेश से बाइक के कागजात माँगे गए तो उनके पास न ताे ड्राइविंग लाइसेंस था, न पाॅल्यूशन और न ही इंश्याेरेंस।
शादी के बाद कामरान दिल्ली चला गया, पूजा सिंदरी में ही रहने लगी। इसके बाद शुरू हुआ खेल! कामरान के पिता अली अहमद खान ने पूजा को ताने देना शुरू कर दिया कि हिंदू रीति-रिवाज़ न माने। जेठानी साज़िया ख़ान ने कहा कि वो अपनी नौटंकी (पूजा-पाठ) बंद करे।
पूर्वी सिंहभूम के सिविल सर्जन ने बताया कि अशरफ को पहले भी इस तरह के आरोपों की वजह से बर्खास्त किया गया था। लेकिन, लिखित माफीनामे के बाद उसे बहाल कर लिया गया था। वहीं, अशरफ ने इसे साजिश बताते हुए बर्खास्तगी को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की बात कही है।