धुर वामपंथी संगठनों के प्रभाव वाले छात्र संघ ने पोस्टर जारी कर कहा था, “हमारा कैंपस/JNUSU ऑफिस उन सभी लोगों के लिए खुला है, जिन्हें आश्रय की जरूरत है।” पोस्टर में 4 लोगों के नाम और नंबर भी थे। ये नाम हैं- आइशी घोष, साकेत मून, सतीश चंद्र और दानिश।
कन्हैया कुमार और उसके साथियों के खिलाफ बीते साल जनवरी में ही पुलिस ने आरोप पत्र दायर किया था। लेकिन केजरीवाल सरकार फाइल पर कुंडली मारे बैठी थी। दबाव बढ़ने पर अब उसने देशद्रोह का केस चलाने को मॅंजूरी दे दी है।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने बताया कि मामला चलाने के लिए अभी तक राज्य सरकार ने मॅंजूरी नहीं दी है। इसके बाद अदालत ने दिल्ली पुलिस को राज्य सरकार को रिमाइंडर भेजने के निर्देश दिए।
सीमा रिजवी पर जामिया कोऑर्डिनेशन कमिटी (JCC) के कुछ सदस्यों द्वारा हमला किया गया। उनकी बेटी को किडनैप करने की धमकी दी गई। उन लोगों ने यह धमकी इसलिए दी, क्योंकि उन्होंने CAA विरोधी प्रदर्शन की वीडियो फेसबुक पर डाल दी थी।
“टोटल कन्फ्यूजन! पी चिदंबरम चाहते हैं कि NPR का विरोध हो। इसके लिए उन्होंने जेएनयू के छात्रों को कुछ टिप्स दिए हैं। वहीं, महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने एक मई से 15 जून के बीच NPR कराने का ऐलान किया है। महाराष्ट्र की सत्ता में कॉन्ग्रेस पार्टी शिवसेना की साझेदार है। क्या दिल्ली में कॉन्ग्रेस नेतृत्व को इसकी जानकारी है?”
शाहीन बाग और एएमयू में आयोजित धरने में देशविरोधी भाषण देने बाद चर्चा में आए शरजील इमाम को पिछले महीने दिल्ली पुलिस ने बिहार के जहानाबाद से 28 जनवरी को गिरफ्तार किया था। दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में शरजील ने पूर्वोत्तर के राज्यों को भारत से अलग करने की बात कही थी।
महरौली जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) विधानसभा इलाके में आता है और राजनीतिक गलियारों के मुताबिक यहाँ लेफ्ट पार्टियों का बोलबाला रहा है। इसके बावजूद इस बार यहाँ के आँकड़े काफी चौंकाने वाले हैं। यहाँ लेफ्ट पार्टी को नोटा से भी कम वोट मिले हैं।
सीएए और एनआरसी के खिलाफ बिहार में चल रहे प्रोपेगेंडा के तहत गाँव-गाँव घूम रहे सीपीआई के नेताओं को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान लोगों ने सीपीआई नेताओं को काले झंडे तो दिखाए ही साथ ही काफ़िले में मौजूद कन्हैया कुमार के ख़िलाफ़ जमकर मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।
शरजील ने देश को तोड़ने की पूरी तैयारी कर चुका था, जिसने प्लान तैयार किया था कि सीएए के विरोध में देश के सभी प्रमुख राजमार्गों पर चक्का जाम कर दिया जाए। इससे पूरे देश में अराजकता का माहौल पैदा हो जाएगा और इसके दवाब में आकर सरकार सीएए और एनआरसी को वापस ले लेगी।
राजद्रोह के केस होने के बाद दो दिन से बिहार में छापेमारी करने पहुँचे पाँच सदस्यों के पुलिस दल को यह बात पता चली की शरजील अपनी प्रेमिका के संपर्क में है। जिसके बाद पुलिस ने शरजील की प्रेमिका से संपर्क किया और उसकी मदद से शरजील इमाम गिरफ्तार हो पाया।