Thursday, May 2, 2024

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कोर्ट ने लगाई दिल्ली सरकार को फटकार, JNU मामले को जल्द निपटाने का दिया आदेश

केजरीवाल का कहना है कि चुनाव से पहले बिना मंजूरी के कोर्ट में चार्जशीट फाइल करने की वजह से काफी सवाल उठ रहे हैं। इसलिए उन्हें फाइल के अध्ययन की जरूरत है।

‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की फ़ाइल अटकाए रखने पर केजरीवाल सरकार को अदालत की फटकार

जेएनयू राष्ट्र विरोधी नारेबाज़ी के मामले में मामले 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' के सदस्यों के ख़िलाफ़ दायर की गई दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर होने वाली सुनवाई एक बार फिर 28 फ़रवरी तक के लिए टल गई है।

JNU ‘टुकड़े-टुकड़े’ कार्यक्रम पहले से था तय, नारा लगाने वाले कश्मीरी उमर के दोस्त

तीसरे आरोपित उमर गुल ने कहा था कि फेसबुक के ज़रिए उसे इस कार्यक्रम की जानकारी मिली थी। लेकिन अक़ीब व मुज़ीब की तरह ही उमर गुल भी पहले से ही लगातार फ़ोन पर संपर्क में थे।

2016 में राहुल पहुँचे थे कन्हैया के लिए JNU, फिर अब बिलकुल चुप क्यों हैं?

राहुल के इस चुप्पी पर सवाल ये उठता है, जब 2016 मे वो जेएनयू की भीड़ से मिलने पहुँचे थे, तो अब आरोपितों के प्रति उनकी सहानुभूति कहाँ चली गई?

थ्रोबैक (बिकॉज़ व्हाई नॉट): जब कन्हैया कुमार ने भरा था लड़की से ‘अभद्र व्यवहार’ का जुर्माना

गिरोहों का सबसे पहला काम होता है कि अभियुक्त अगर अपने पक्ष का हो तो सामाजिक रूप से पीड़िता का ही चरित्रहनन करने में जुट जाओ।

‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’: कन्हैया चिल्ला रहा था, कर रहा था भीड़ का नेतृत्व – पुलिस ने की पुष्टि

1200 पन्नों की चार्जशीट में इस बात का ज़िक्र है कि 2016 में हुई यह घटना सोची-समझी साज़िश और पूरी प्लानिंग के साथ हुई थी। पुलिस ने इस मामले से जुड़े 90 गवाहों को साक्ष्य के तौर पर रखा है

कन्हैया, उमर समेत टुकड़े-टुकड़े गैंग पर जल्द होगा आरोप पत्र दायर

हालाँकि छद्म-लिबरलों और वामपंथी मीडिया गिरोह ने इसे 'डिस्सेंट', यानि 'असहमति की अभिव्यक्ति' बताते हुए सरकार को घेर लिया कि 'फ़्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन' या 'अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार का हनन किया जा रहा है।

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