गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड हमारे घोषणापत्र का हिस्सा है, सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून होना चाहिए। साथ ही गृह मंत्री शाह ने देश विरोधी गतिविधियों को लेकर भी अपना रुख एक बार फिर स्पष्ट करते हुए कहा है कि.....
आज कॉन्ग्रेस 'न्याय योजना' को लेकर बनर्जी का गुणगान करते नहीं थक रही। लेकिन, इंदिरा के जमाने में 250 लड़कियों सहित क़रीब 700 छात्र गिरफ्तार किए गए थे। अभिजीत बनर्जी पर 'हत्या की कोशिश' के आरोप लगाए गए थे।
यह किसी से छुपा नहीं है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को हटाने के लिए स्वरा भास्कर ने सारी हदें पार कर दी थीं, ट्विटर पर लोगों ने स्वरा को टारगेट करके पनौती तक लिख दिया था।
JNU में '64 डेज ऑफ शटडाउन' नाम से विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया है। विरोध सभा में शेहला रशीद शोरा, एनी राजा, प्रदीपिका सारस्वत, संजय काक और एजाज अहमद राथर को वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया है।
जब वामपंथी संगठन AISA के छात्रों ने जितेन्द्र सिंह के भाषण के बीच में टोकाटाकी और नारेबाजी की, तो जवाब में ABVP वालों ने भी “कश्मीर से कन्याकुमारी, भारत माँ एक हमारी” का नारा लगाना शुरू कर दिया।
“केजरीवाल सरकार की नई स्कीम - आतंकवादी बनो, इनाम पाओ। 5 लाख रुपए और सरकारी नौकरी। दिल्ली में 5 साल में 40,000 बच्चे खोए। उनमें से केवल एक पर केजरीवाल मेहरबान। नजीब के बारे में चर्चा है कि वो आतंकवादी बन चुका है। फिर केजरीवाल सिर्फ एक परिवार पर मेहरबान क्यों?”
तुमने सत्ता में रह कर ऐसा क्या किया कि तुम्हें हर जगह से नकार दिया गया? फिलहाल 2-3 यूनिवर्सिटी तक सिमट चुके हो। वहाँ भी जब तुम छात्रसंघ जैसी संस्था के अध्यक्ष बन जाते हो, तो अपने विरोधियों के द्वारा बुलाए लोगों को कैम्पस में घुसने तक नहीं देते, हिंसा पर उतर आते हो! आखिर तुम किस लोकतांत्रिक तरीके की बात करते हो?
आखिर रोमिला थापर से सीवी क्यों न माँगी जाए? इसे ऐसे क्यों दिखाया जा रहा है कि विश्वविद्यालय ने रोमिला थापर के ऊपर कोई परमाणु हथियार डेटोनेट कर दिया है? लिबरपंथी और वामपंथी क्षुब्ध क्यों हैं? एक कागज का टुकड़ा माँगने पर इसे अपने सम्मान पर लेने जैसी कौन सी बात हो गई?
जहाँ कुछ ही दिन पहले प्रधानमंत्री से डिग्री दिखाओ जी कहा जा रहा था, वहाँ एक रिटायर हो चुके प्रोफेसर से, सीवी माँगना गलत क्यों है? अगर वो कहें कि ये ऐसी जगह है जहाँ डिग्री की जरूरत ही नहीं होती, तो ये भी पूछिएगा कि प्रधानमंत्री होने के लिए कौन सी शैक्षणिक योग्यताएँ जरूरी हैं?
रोमिला थापर ने कहा कि उनको मिली मान्यता जीवन भर के लिए है और जेएनयू उनकी सीवी माँग कर मूल्यों का उल्लंघन कर रहा है। फिलहाल उनका जेएनयू के साथ अपना सीवी साझा करने का कोई इरादा नहीं है।