सोशल मीडिया में अटकलों का बाजार फिर गरम हो गया है। सूजे गाल के साथ एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में केजरीवाल पहुॅंचे। उन्होंने इसकी वजह इंफेक्शन बताया। लेकिन, यूजर्स इसे अमानतुल्लाह से जोड़ रहे हैं।
"केजरीवाल मासूम चेहरा बनाकर दिल्ली की जनता से बार-बार पूछ रहे हैं कि क्या मैं आतंकवादी हूँ। हाँ, आप आतंकवादी हो, इसके बहुत सबूत हैं। आपने खुद कहा था कि मैं अराजकतावादी हूँ। अराजकतावादी और आतंकवादी में बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता।"
“पाकिस्तान में बहुत प्रताड़ना झेली। मजहब बदलने का दबाव था। कोई रोजगार नहीं था। फिर दिल्ली आ गए। मदद माँगने कई बार केजरीवाल के पास गए। लेकिन, कुछ हासिल नहीं हुआ। आम लोग कभी कपड़े तो कभी राशन दे जाते हैं।”
“फर्जी डिग्री के बावजूद केजरीवाल ने दिया जितेन्द्र तोमर को टिकट। वोट बैंक के लालच में कितना गिरोगे 'आप’।” - BJP ने जब आम आदमी पार्टी को निशाने पर लिया, तब जाकर जितेंद्र सिंह तोमर की जगह उनकी पत्नी प्रीति तोमर को मैदान में उतारा गया।
केजरीवाल सत्ता में आए थे 500 नए स्कूल खोलने का वादा कर। लेकिन, न स्कूल खुले। न नामांकन बढ़ा। न परिणाम सुधरे और न शिक्षक बहाल हुए। गिने-चुने स्कूलों में करोड़ों लुटाकर उसका ढोल पीट सरकार ने पॉंच साल गुजार लिए।
दिल्ली में जिस शिक्षा क्रांति के केजरीवाल सरकार दावे कर रही, वह खूबसूरत तस्वीरों की आड़ में कई ऐसे तथ्य छुपाए हुए है जो मुख्यधारा की चर्चा से गायब हैं या लोग इससे अनजान हैं। सच्चाई यह है कि गुणवत्तापूर्ण सरकारी शिक्षा आज भी स्वप्न ही है।
जामिया की कुलपति पहले ही इस बात का ऐलान कर चुकी हैं कि प्रदर्शन के दौरान घायल छात्रों के इलाज का खर्चा विश्वविद्यालय उठाएगा, लेकिन उसके बाद भी अमानतुल्लाह की ओर से मिन्हाजुद्दीन को मदद पहुँचाना केजरीवाल सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा कर रहा है। सोशल मीडिया पर इस ऐलान के बाद...
43 लोगों की जान लील चुके हादसे से केजरीवाल सरकार ने पल्ला झाड़ लिया है। उसका कहना है कि सारी जिम्मेदारी एमसीडी की थी। उसकी अक्षमता को छिपाने के लिए केंद्र सरकार झूठे दावे कर रही है।
ग्रीनपीस इंडिया ने सैटेलाइट डेटा के हवाले से कहा है कि साल 2013 से 2018 तक पीएम 2.5 के स्तर में कोई भी कमी नहीं दिख रही हैं। उनका कहना है कि पिछले 3 सालों की तुलना में केवल साल 2018 के अंतिम महीनों में प्रदूषण के स्तर में कुछ कमी आई है।