Friday, October 18, 2024

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स्टेशन पर संतरे बेचे, ऑटो चलाया… आज है 125 ट्रक का मालिक – IIM में जीता फर्स्ट प्राइज

प्यारे खान की कहानी से प्रभावित होकर IIM-अहमदाबाद ने उन्हें बुला तो जरूर लिया लेकिन लैपटॉप, अंग्रेजी और पावरपॉइंट प्रेज़ेंटेशनों की बात तो दूर, खान को IIM क्या होता है, यह भी पता नहीं था। तो उन्होंने स्टेज पर जाकर अपनी कम्पनी की कहानी सुना दी, वह भी हिंदी में - और प्रथम पुरस्कार जीत लिया।

‘सासंद नुसरत सिंदूर-मंगलसूत्र पहने तो हराम, लेकिन हिन्दू महिलाओं का बुर्का उचित कैसे’

"अगर कोई मुस्लिम महिला हिंदू से शादी करती है और बिंदी, बिछिया, मंगलसूत्र पहनती है, तो मुस्लिम मौलवी उसे हराम कहते हैं। लेकिन कई मुस्लिम पुरुष हमारी हिंदू बेटियों को लव जिहाद के नाम पर फँसाते हैं और उनसे बुर्का पहनने को कहते हैं, तो यह हराम नहीं है। यह उनके लिए उचित है।”

मेरठ पलायन: ‘सिर्फ प्रहलाद नगर नहीं, डर के कारण 30 कॉलनियों के हिंदू अपने मकान बेचने को मजबूर’

"प्रहलाद नगर ही नहीं, मेरठ के चार थाना क्षेत्रों - कोतवाली, देहलीगेट, लिसाड़ी गेट और नौचंदी थाना क्षेत्र के करीब 30 मोहल्‍लों से 'संप्रदाय विशेष' से डर कर हिंदू आबादी अपना मकान बेचकर जा चुकी है।"

‘मेरे घर के बाहर गांजा मत पिओ’ – सिर्फ इतनी सी बात पर मंगरू की हत्या: साजिद, आज़म और रमज़ान गिरफ़्तार

मोहम्मद साज़िद, आज़म अंसारी और रमज़ान अंसारी गांजा पी रहे थे। कहाँ - मंगरू पाहन के घर के बाहर। मंगरू ने विनम्रतापूर्वक इन तीनों से उसके घर के बाहर गांजा न पीने का अनुरोध किया। लेकिन, तीनों में से एक को मंगरू की बात इतनी नागवार गुज़री कि उसने ग़ुस्से में मंगरू के पेट में छुरा घोंप दिया और वहाँ से भाग गया।

आरिफ मुहम्मद ने ‘हिन्दू राष्ट्र, डरा हुआ मुस्लिम, तीन तलाक़’ पर Wire को दिखाया आईना, जो ‘डरे हुए मीडिया गिरोह’ को देखने की जरूरत...

हिन्दू राष्ट्र और नागरिकता के सवाल पर आरिफ मुहम्मद ने वायर की पत्रकार को जवाब देते हुए कहा कि यह विचार केवल दूसरे धर्मों में है। खासतौर से मुस्लिमों में जहाँ अहमदिया, बरेलवी, देवबंदी, शिया, सुन्नी सब एक दूसरे को दोयम दर्जे का मानते हैं या ख़ारिज करते हैं। हिंदुत्व में दूसरे दर्जे के नागरिक का कोई विचार नहीं है। यहाँ कोई भी 'धिम्मी' नहीं होता और किसी को भी 'जजिया' के लिए नहीं कहा जाता।

‘हिंदुओं यहाँ से भागो, हमारे बीच में रह रहे हो और हमसे ही मुँहजोरी दिखा रहे हो?’

वह लोग उनके घर में गाली देते हुए घुसे और सविता के सिर पर मारा, फिर उन्होंने चौहान को बहुत तेज छाती पर घूँसा मारा और उन्हें कई बार उठा-उठाकर ज़मीन पर पटका। गंगाराम के होश गंवाने तक उन्हें पीटा गया और फिर वे लोग उन्हें छोड़कर चले गए। सविता के अनुसार उनके पति को देखकर ऐसा लग रहा था कि उनकी मृत्यु हो गई है।

निकाह-हलाला बलात्कार है, इसे भी करें बैन: दिल्ली महिला आयोग की PM मोदी से माँग

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्रिपल तलाक बिल के संसद से पास होने की उम्मीद जताई है। उनका कहना है कि संसद निकाह-हलाला को भी बैन करें, यह अमानवीय और जघन्य हैं।

‘डरा हुआ शांतिदूत’? 50 ऐसी घटनाओं की सूची, जो इस फेक नैरेटिव का पोल खोलती हैं

ऐसी घटनाएँ, जिनमें कट्टरपंथियों के अपराधी होने की ख़बर आई और पीड़ित दलित या हिन्दू थे। लेकिन, किसी ने आवाज़ नहीं उठाई। कोई नया नैरेटिव नहीं गढ़ा गया। पढ़िए ऐसी 50 घटनाओं का विवरण, जिसे मेनस्ट्रीम मीडिया द्वारा प्रमुखता से नहीं उठाया गया।

दलित को पीड़ित दिखाना हो तब वह ‘दलित’ है और अपराधी दिखाना हो ‘हिन्दू’ बताया जाएगा

जब दलितों और मुस्लिमों में झड़प होती है, तो यही दलित हिन्दू हो जाते हैं। जब एएमयू SC-ST को आरक्षण नहीं देता, तब ये चूँ तक नहीं करते। लेकिन, जहाँ बात भारत को असहिष्णु साबित करें की आती है, 'दलितों और मुस्लिमों' पर अत्याचार की बात कर दलितों को हिन्दुओं से अलग दिखाने के प्रयास होते हैं।

प्रतापगढ़ मर्डर: हाथ-पाँव काटकर खाट से बाँधा और झोपड़ी सहित फूँक दिया गया दलित

ग्रामीणों ने बताया कि विनय का शव विखंडित हो रखा था, उसके हाथ-पाँव काट दिए गए थे और उसका शव लोहे की तार से खाट में बंधा हुआ था।

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