आज विनेश फोगाट के साथ पूरा देश खड़ा है, लेकिन कभी योगेश्वर दत्त, बबीता फोगाट और PT उषा को भला-बुरा कहने वालों ने जिस तरह से जश्न मनाने के नाम पर 'डिजिटल गुंडागर्दी' की, क्या वो माफ़ी माँगेंगे?
यहाँ सेमिनार और वर्कशॉप के अलावा भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय रिश्तों को बढ़ावा देने के लिए योग क्लास और संगीत व कत्थक-मणिपुरी जैसी नृत्य विधाओं की शिक्षा भी दी जाती थी।
डोनाल्ड लू जब अल्बानिया में थे तब वहाँ उन्होंने युवाओं से सरकार को उखाड़ फेंकने को कहा था। जब वो किर्गिस्तान में थे तो सरकार विरोधी आंदोलन हुए और वहाँ के राष्ट्रपति सूरोनबे शिरिपोविच जीनबेकोव को इस्तीफा देना पड़ा था। पाकिस्तान में इमरान खान ने भी उन पर ही खुद को सत्ता से बेदखल करने का आरोप लगाया।
छात्र यदि उपद्रवी हो जाएँ और उसी देश की संपत्ति को तोड़ने फोड़ने लगें, अपनी बात मनवाने के लिए लोगों के कत्लेआम पर उतर आएँ तब इन्हें छात्र कैसे माना जाएगा?