जब आपातकाल के बाद देव आनंद की अध्यक्षता में बनी थी बॉलीवुड की अपनी राजनीतिक पार्टी। जानिए क्या हुआ इसके बाद। राजनारायण ने क्यों जोहर के हाथ-पाँव तोड़ने की धमकी दी थी? क्या हुआ नेशनल पार्टी का और क्यों अकेले पड़ गए थे देव आनंद?
"वैसे भी लगभग हर कोई आजकल पी ही रहा है। पर लोग नकली शराब पी रहे हैं और अपने स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहे हैं। मैं पुडुचेरी से उच्च गुणवत्ता वाली शुद्ध शराब लाकर लोगों में वितरित कराऊँगा।"
अमेठी में राहुल गाँधी के द्वारा पिछले 10 वर्षों में किए गए कार्य और स्मृति ईरानी के पिछले 4 वर्षों में किए गए कार्यों की तुलना कीजिए - सब स्पष्ट हो जाएगा। स्पष्ट यह भी हो जाएगा कि 2019 लोकसभा चुनाव में राहुल गाँधी पीछे चल रहे हैं जबकि स्मृति ईरानी लीड ले रही हैं।
"कांग्रेस के काम करने का तरीका एकदम साफ है - पहले नकारो, फिर अपमानित करो और इसके बाद धमकाओ। उनकी सोच यही है कि सब गलत हैं, और सिर्फ कांग्रेस सही है। यानि ‘खाता न बही, जो कांग्रेस कहे, वही सही’।"
फिलहाल बिहार महागठबंधन के सीटों की आधिकारिक घोषणा होने तक इंतजार कीजिए और ये सोच के मज़े लीजिए कि जब सीटों की ये मारामारी है तो प्रधानमंत्री पद के लिए किस हद तक जाया जा सकता है?
नए चेहरों को लाकर पार्टी एक तरह का संदेश देना चाहती है - जनता को भी और सांसदों को भी। सांसदों को लेकर एक तरफ जहाँ जनता की राय ली गई है, वहीं सांसदों से भी उनके द्वारा कराए गए कार्यों का ब्योरा माँगा गया है।