अजित पवार खुलकर CAA के समर्थन में आ गए हैं, जबकि उनके चाचा शरद पवार इसका विरोध कर रहे। उद्धव CAA पर तो सहमत हैं लेकिन NRC-NPR पर इनकार कर रहे। अपने CM की लाइन से हटकर अजित पवार ने NRC और NPR के लिए भी समर्थन दे दिया है, वो भी बहुत ही राजनीतिक तरीके से!
"अगर शहर में गोली चलती है और किसी को गोली लगती है, तो कोई केस क्यों दर्ज नहीं किया गया? FIR क्यों दर्ज नहीं की गई? क्या शहर के लोग बेवकूफ हैं? शहर के लोगों को पता नहीं चलता कि गोली चलती है और एफआईआर दर्ज नहीं होती? साहब हम भी समझते हैं कि क्या हालात हैं... अगर इस तरह होता रहा तो शहर की अवाम खामोश नहीं बैठेगी।"
जो शिवसेना कभी महाराष्ट्र में धर्म के आधार पर आरक्षण देने के सख्त खिलाफ थी, उसी ने आज कॉन्ग्रेस और एनसीपी के आगे झुककर इस प्रस्ताव को सहमति दी। मुस्लिम समुदाय को 5% आरक्षण के लिए कॉन्ग्रेस और NCP की तरफ से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर पहले से ही दबाव बनाया जा रहा था।
मनसे कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस अधिकारी भी रहते हैं, जो लोगों द्वारा दिखाए गए कागज़ातों की सत्यता की जाँच करते हैं। मनसे नेताओं ने भी पार्टी के इस अभियान की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पार्टी लगातार ऐसे लोगों पर नज़र रखे हुए है, जो बांग्लादेशी घुसपैठियों वाले इलाक़ों में रखते हैं।
इस्तीफा देने वाले नेता हैं- सांसद अरविंद सावंत और विधायक रविंद्र वायकर। सावंत को उद्धव ने राज्य की संसदीय समन्वय समिति का प्रमुख नियुक्त किया था। वायकर मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रमुख समन्वयक बनाए गए थे।
उसे जब पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया गया तो वह रोने लगी। अपनी तीन बेटियों का हवाला देकर ख़ुद के निर्दोष बताने लगी। पुलिस ने उसे छोड़ दिया और वह सीधे सलेम के पास गई। जब पुलिस को अपनी भूल का एहसास हुआ तब तक...
एल्गार परिषद मामले की जॉंच एनआईए को सौंप उद्धव ने एक लकीर खींची है। इसके संकेत स्पष्ट हैं। वह भले सत्ता एनसीपी और कॉन्ग्रेस के साथ बॉंट लें, लेकिन पर्दे के पीछे से बागडोर हाथ में रखने के पवार के सपनों को पूरा नहीं होने देंगे।
उद्धव ने कहा है कि CAA और NRC दोनों अलग है। यदि CAA लागू होता है तो इसके लिए किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन, पवार ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि एनसीपी इसके खिलाफ है।
भीमा-कोरेगॉंव मामले की जॉंच एनआईए को सौंपे जाने के बाद गठबंधन सरकार का मतभेद गहरा गया है। पवार ने अपने मंत्रियों की आनन-फानन में बैठक बुलाई है। इसके बाद से अटकलों का बाजार गरम है।
महाराष्ट्र के जिस कॉलेज में छात्राओं को यह बेतुकी शपथ दिलाई गई उसकी स्थापना कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व मंत्री राम मेघे ने की थी। एक वीडियो सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि एक पुरुष और कुछ महिला टीचर छात्राओं को लव मैरिज न करने की शपथ दिला रहे हैं।