तृणमूल कॉन्ग्रेस पर हमले और हुडदंग का सीधा आरोप लगाते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि स्वामी विवेकानंद, रवीन्द्रनाथ टैगोर व नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जैसे रत्न पैदा करने वाली बंगाल की धरती आज हत्यारे और तानाशाही के रवैये वाली तृणमूल के गुंडों का अड्डा बन गई है।
"मैंने उनसे बहुत बार पानी माँगा। मुझे दिख रहा था कि वे सब पानी पी रहे हैं, लेकिन मुझे 14 घंटे तक पानी नहीं दिया। सुबह 4:50 पर वे मुझे बाहर लेकर आए और गाड़ी में डाल दिया। बार-बार पूछने पर भी नहीं बताया कि लेकर कहाँ जा रहे हैं।"
तृणमूल कार्यकर्ता रंजीत मंडल ने 'जय श्री राम' कहा। बस इतनी सी बात पर एक अन्य तृणमूल कार्यकर्ता तारक परोइ गुस्सा हो गया और उसने गालियाँ बकनी शुरू कर दी। वह इतने पर ही नहीं रुका, उसने मंडल की जम कर पिटाई भी की और उसे घायल कर दिया।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने काँपती हुई आवाज़ में कहा कि वो आहत दिल से अपने इस अपमान का जिक्र कर रहे हैं और उन्हें अपने साथ हुए व्यवहार को लेकर रोना भी आ रहा है। उन्होंने बताया कि इस अपमान की पीड़ा से बाहर निकलने के लिए उन्हें 3 दिन लगे।
ऐसा बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपित उत्पल ने पुलिस पूछताछ में अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उत्पल का कहना है उसने बंधु प्रकाश पाल की इंशोरेंस कंपनी में पैसे लगाए हुए थे। उत्पल ने पुलिस को बताया कि उसे बंधु प्रकाश से 24000 रुपए लेने थे। लेकिन......
चाकुओं से गोदने और रेतने में वही अंतर है जो झटका और हलाल में होता है। एक में पीड़ित को सिर्फ मारना उद्देश्य होता है, एक में तड़पा कर मारना, और शायद कोई मैसेज देना।
तृणमूल के कई नेताओं ने दुर्गा पूजा कमिटियों के अभिभावक का दर्जा ले रखा है और वे अपने स्थानीय इलाक़ों में पार्टी के रसूख का इस्तेमाल करते हुए शर्तें तय करते हैं। वामपंथी पार्टियों का भी दुर्गा पूजा पंडालों के पास स्टॉल लगा कर अपने साहित्य और पर्चे बाँटने का पुराना इतिहास रहा है।
ममता बनर्जी ने गृहमंत्री के सामने एनआरसी को लेकर उठाए मुद्दे के बारे बताया कि उन्होंने गृहमंत्री को एक पत्र सौंपा है और साथ ही एनआरसी से बाहर किए गए 19 लाख लोगों के बारे में बात की है, जिनमें बंगाली, गोरखा और हिन्दी बोलने वाले लोग भी हैं।
ताज़ा खुलासे से पता चलता है कि प्रशांत किशोर की कम्पनी ममता बनर्जी की तृणमूल के लिए सोशल मीडिया में एक बड़ा इकोसिस्टम खड़ा कर रही है, जिसमें कई डिजिटल पोर्टल्स और 'इन्फ्लुएंसर्स' शामिल हैं। यह सब रुपयों के दम पर किया जा रहा है।
ममता बनर्जी ने अपने क़रीबी पुलिस अधिकारी का बचाव करते हुए कहा कि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पुलिस अधिकारियों में से एक हैं। ममता ने कहा कि राजीव कुमार की वीरता, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा सवालों से परे है। उन्होंने उन पर लगे आरोपों को झूठा बताया।