Friday, November 22, 2024

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Manmohan Singh

UPA काल में विदेश में बैठ ₹5 लाख प्रति महीना पाने वाले अमर्त्य सेन और मनमोहन का काला रिश्ता

अमर्त्य सेन को तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय का प्रथम कुलपति नियुक्त किया गया। उन्हें पाँच लाख रुपए प्रति महीने का वेतन दिया जाता था। बेहिसाब विदेशी दौरे, सीधी नियुक्तियाँ करने का अधिकार सहित उन्हें कई अन्य सुविधाओ से नवाजा गया था।

मनमोहन सिंह ने मोदी के सबसे ‘ताकतवर’ मंत्री को दिया ‘गब्बर सिंह टैक्स’ अवॉर्ड

मीडिया संस्थान हिन्दू बिजनेस लाइन की तरफ से आयोजित चेंजमेकर अवॉर्ड्स में जीएसटी काउंसिल को ‘चेंजमेकर ऑफ द ईयर अवार्ड’दिया गया और वित्त मंत्री अरूण जेटली ने जीएसटी काउंसिल का चेयरमैन होने के नाते इस अवॉर्ड को रिसीव किया।

आतंकवाद से लड़ने में PM मोदी जितने कठोर नहीं थे मनमोहन सिंह: शीला दीक्षित

एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में शीला दीक्षित ने स्वीकार करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह आतंकवाद से लड़ने में उतने कठोर नहीं थे, जितने कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।

जब कंधार-कंधार रटने वालों ने 25 खूंखार आतंकियों को रिहा कर दिया था.. जानिए क्या हुए उसके दुष्परिणाम

आपको यह जान कर हैरानी होगी कि लतीफ़ को रिहा करने की माँग वही आतंकी कर रहे थे, जिन्होंने 1999 में भारतीय विमान को हाईजैक किया था। इतने खूंखार आतंकी को यूं छोड़ दिया गया जैसे कि वह कोई चोरी-चकारी का मुजरिम हो।

फ़ैक्ट चेक: कंधार प्रकरण के लिए अजीत डोभाल को राहुल गाँधी द्वारा दोषी ठहराना दुर्भावनापूर्ण और तथ्यों से परे है

यह बात चौंकाने वाली है कि भविष्य में देश का नेतृत्व करने की इच्छा रखने वाले राहुल गाँधी को ऐसी राष्ट्रीय आपात स्थितियों के दौरान आतंकी समूहों के साथ होने वाली जटिल वार्ताओं के बारे में पूरी और सही जानकारी अब तक नहीं है।

कॉन्ग्रेस के सामने यक्ष प्रश्न: क्या मनमोहन सिंह चुनाव लड़ेंगे?

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पंजाब के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और प्रभारी आशा कुमारी ने खुद पूर्व प्रधानमंत्री से क़रीब आधे घंटे तक मुलाकात की और आग्रह किया कि मनमोहन सिंह इस बार अमृतसर से चुनाव लड़ें।

UPA-2 ने क्रिश्चियन मिशेल के दबाव में टाला था राफेल डील: रिपोर्ट्स

दसॉ (राफेल की कंपनी) और मनमोहन सरकार में अचानक से कुछ मुद्दों पर मतभेद काफी बढ़ गया था। ED की नज़र राफेल डील में हुई देरी को लेकर मिशेल पर इसलिए भी टिक गई है क्योंकि उसने अचानक से यूरोफाइटर में अपनी दिलचस्‍पी बढ़ा ली थी।

काश मनमोहन सिंह ने तब वायुसेना प्रमुख की सलाह मान ली होती तो…

डॉक्टर मनमोहन सिंह ने तत्कालीन वायुसेना प्रमुख को सीमा पार आतंकियों पर 'एयर स्ट्राइक' करने से रोक दिया था क्योंकि उन्हें युद्ध का डर था। नेहरू भी सेना पर भरोसा नहीं करते थे। अब भारत जवाब देता है क्योंकि अब सरकार के पास मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति है।

’10 साल तक PM मनमोहन सिंह की सरकारी फ़ाइलें सोनिया के यहाँ जाती थीं’ – किताब में खुलासा

कुलदीप नैयर के बेटे राजीव ने बताया कि किताब में वही बातें लिखी गई हैं जो मनमोहन सिंह ने ख़ुद उनके दिवंगत पिता से कही थीं। लेकिन अब किताब पढ़ने के बाद वो इस बात को नकार रहे हैं।

खुलासा: 2012 में तख़्तापलट की ख़बर को कॉन्ग्रेस के चार मंत्रियों ने गलत तरह से छपवाई

यूपीए सरकार के खिलाफ़ लोगों में गुस्सा को देखकर मनमोहन सिंह को लगा कि सरकार को बेदखल किया जा सकता है।

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