Sunday, November 17, 2024

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Mayawati

लोकतंत्र का लहसुन: रावण से रा.टू होने तक मायावती का मनुवादी होना ज़रूरी है

हिंसक आंदोलनों की नाजायज़ औलादें, लाशों पर पैर रख कर संसद तक पहुँचती है। ऐसी भीड़ें ही इन नाजायज़ बच्चों को जनती है जो बाद में इन्हीं के लिए बने संसाधनों को पत्थर से बने पर्स में, और पार्कों के पिलर पर बने हाथियों में खपा देते हैं।

‘मायावती हो गई हैं मनुवादी, फैला रही हैं ब्राह्मणवाद’: भीम आर्मी नेता चंद्रशेखर

मायावती ने चंद्रशेखर द्वारा वाराणसी से चुनाव लड़ने को लेकर भाजपा की साज़िश बताया और ट्वीट किया था कि भाजपा दलित वोट काटने की मंशा से चंद्रशेखर को वाराणसी से चुनाव लड़वा रही है।

4 बीघा में खड़ी फसल कटना जरुरी है, ताकि मायावती भर सके हेलीकॉप्टर से उतरकर हुँकार

फसल को इसलिए कटवाया जा रहा है ताकि मायावती का विमान आसमान से वहाँ पर उतरे और उनका चुनावी भाषण जोर-शोर से वोटर्स को सुनाया जा सके। चिंता की बात यह भी है कि अभी फ़सल पकने का समय नहीं है, ऐसे में यह फ़सल मवेशियों के चारे के अलावा किसी काम में नहीं आ सकेगा।

‘भीम आर्मी को मिलती है RSS फंडिंग’ कहने वाली मायावती नहीं उठा रही ‘रावण’ का फोन

खुद को दलित वोटबैंक की 'फर्स्ट लेडी' मानने वाली मायावती, चंद्रशेखर 'रावण' की बढ़ती हुई लोकप्रियता से थोड़ी संशकित नजर आती हैं! मायावती लगातार चंद्रशेखर आजाद को BJP का एजेंट बता रही हैं और उनका आरोप है कि भीम आर्मी की फंडिंग RSS द्वारा की जाती है।

भाजपा कार्यकर्ता बनाम गुण्डे, गुर्गे, गुलाम और वंशदास

आप सोच कर भी नहीं सोच पाएँगे कि अमित शाह के बाद भाजपा का अध्यक्ष कौन बनेगा, मोदी के बाद भाजपा का पीएम कौन होगा या फिर यही देख लीजिये कि अटल जी और आडवानी जी की विरासत को कौन आगे बढ़ा रहा है?

अखिलेश-मायावती करेंगे ‘देवबंद’ से प्रचार की शुरुआत, तो CM योगी देंगे ‘शाकम्भरी पीठ’ से जवाब

एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि लोकसभा चुनावों में भाजपा सरकार फिर से प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। उनकी मानें तो वे इस बार 74+ का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

मायावती के क़रीबी IAS के यहाँ छापा: ₹50 लाख का पेन, ₹300 करोड़ की बेनामी संपत्ति

शीर्ष नौकरशाह और उनके सहयोगियों ने नोटबंदी के बाद और उससे पहले कोलकाता की शेल कंपनियों के नाम पर 95 करोड़ रुपए की फर्जी प्रविष्टियां दिखाई है। छापे में 2.2 करोड़ रुपए नकद, मर्सडीज समेत चार लग्जरी वाहन भी जब्त किए गए।

मायावती के क़रीबी पूर्व IAS अधिकारी के घर छापा, BSP से लोकसभा चुनाव लड़ाने की थी तैयारी

मायावती के शासनकाल के दौरान नेतराम का प्रभाव ऐसा था कि बड़े-बड़े नेताओं को भी उनसे मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लेना पड़ता था। उनके आवास पर नेताओं की लम्बी लाइन लगी रहती थी। कैबिनेट मंत्रियों तक को उनसे मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लेना पड़ता था।

SC के फ़ैसले से आहत मायावती ने कहा, ‘मीडिया और BJP कटी पतंग ना बनें तो बेहतर’

SC ने एक वकील द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फ़ैसला सुनाया। इसके बाद अपनी सरकार द्वारा बनाए गए स्मारक और पार्क आदि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ख़ुद का बचाव कर रही है।

SC का आदेश, मायावती को लौटाना होगा मूर्तियों पर ख़र्च किया धन

कोई भी राजनैतिक पार्टी जनता के पैसों का इस्तेामल अपने मूर्तियाँ बनवाने के लिए या फिर प्रचार-प्रसार करने के लिए नहीं कर सकती है।

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