सवाल यह है कि क्या एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने ऐसा ही पत्र महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार को लिखा है? जहाँ पर एक मीडिया चैनल और उनके पत्रकारों को बुरी तरह से परेशान किया जा रहा है।
जब बर्बरता तुम्हारी शिक्षा की आधारशिला है, हत्या तुम्हारे लिए एक सम्मानजनक कर्म है, बलात्कार पुण्य और काफिरों के धार्मिक स्थल तोड़ना जन्नत-उल-फिरदौस में कमरे रिजर्व करवाता है, फिर कोई सामान्य बुद्धि-विवेक वाला तुमसे या तुम्हारे मजहब को स्नेहाशिक्त भाव से कैसे देख सकता है?