"भारत में घर में रहना सबसे अच्छा है लेकिन घर में रहने के लिए लोगों को पैसे और खाने की जरूरत होगी। हमें न सिर्फ 21 दिनों के लिए सोचना और प्लान करना चाहिए बल्कि उसके अगले कुछ हफ्तों की भी योजना होनी चाहिए।"
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेस करके कहा कि देश के 80 करोड़ लोगों को सस्ते दर पर राशन दिया जाएगा। केंद्र सरकार देश के 80 करोड़ लोगों को हर महीने 7 किलो प्रति व्यक्ति राशन देगी, जोकि 3 महीने के लिए एडवांस होगा।
रेलवे ने सारी पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों के आवागमन पर पहले ही रोक लगा दी है। केवल सामान ढोने वाले ट्रेनें ही चल रही हैं, जिन्हें गुड्स ट्रैन कहा जाता है। अब फ्लाइट सेवाओं पर भी पाबन्दी लगा दी गई है।
कोरोना जैसी महामारी के बीच सरकार ने फार्मास्युटिकल घटकों के लिए चीन पर चली आ रही निर्भरता को ख़त्म करने के उद्देश्य से देश में बड़े पैमाने पर दवा निर्माण की मदद के लिए 14 हजार करोड़ रुपए निवेश की घोषणा की है।
स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न नहीं होने के कारण यह राशि जारी करने पर रोक लगी हुई थी। लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मोदी सरकार चाहती है कि स्थानीय प्रशासन के पास धन की कमी नहीं रहनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि 200 मिली सेनिटाइजर की कीमत 100 रुपए से ज्यादा नहीं होगी और अन्य आकार की बोतलों की कीमत भी इसी अनुपात में रहेंगी। ये कीमतें 30 जून 2020 तक पूरे देश में लागू रहेंगी।
खाड़ी देशों से हर दिन 23 फ्लाइट मुंबई पहुँचती है। केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार, यूएई, कुवैत, कतर और ओमान से आने वाले सभी यात्रियों को हर हाल में 14 दिनों तक क्वारंटाइन सेंटर में रहना होगा।
देश का जनमानस लम्बी दूरी की सुलभ व सस्ती यात्रा के लिए हमेशा से रेलवे को प्राथमिकता देता रहा है। इसे ध्यान में रख मोदी सरकार रेलवे का कायाकल्प करने की दिशा में बढ़ रही है। सुरक्षा, तकनीक, सुविधा और रफ्तार पर सरकार का फोकस है।
"अनाज की न कोई कमी है और न इसको लेकर कोई घबराहट है। इसके अलावा खुले बाजार में भी OMSS के माध्यम से बिक्री हो रही है, जिसमें चावल का भाव 22.50 रुपए प्रति किलो है। किसी को घबराने की ज़रूरत नहीं है।"
कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिए मोदी सरकार की तैयारियों की पूरी दुनिया में सराहना हो रही। लेकिन, न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे मीडिया संस्थानों को इसमें रहस्य दिख रहा है। अब वे कह रहे कि इतने कम मामले तो वे हैं जो डिटेक्ट हुए हैं, कई मामले होंगे जो टेस्टिंग सेंटर तक पहुॅंचे ही नहीं होंगे।