Sunday, November 17, 2024

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Nationalism

बांग्लादेश में बंगाली राष्ट्रवाद से इस्लामी कट्टरपंथ की यात्रा: 22% से घटकर मात्र 9.5% रह गए हिन्दू, उन पर भी संकट

यह दुर्भाग्य ही था कि बांग्लादेश के वास्तुकार ‘बंगबन्धु’ शेख मुजीबुर्रहमान को बंगाली राष्ट्रवाद को सफल होते देखने का मौका नहीं मिला।

चीनियों पर किसने किया अत्याचार- OK, भारतीयों पर क्या-क्या जुल्म हुए- NOT OK: खूनी इतिहास को पढ़ना इसलिए जरूरी

प्रधानमंत्री का आज का वक्तव्य हमें आशावान बनाता है कि हम भविष्य में दशकों से प्रोपेगेंडा का हिस्सा रहीं कई और स्थापित धारणाओं और मान्यताओं को ध्वस्त होते हुए देखेंगे। 

इजरायल के विपक्ष से कुछ तो सीखें हमारे नेता… हमारी लोकतान्त्रिक शक्तियाँ राष्ट्रहित को कब आगे रखेंगी?

जब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर राष्ट्रहित की बात आती है तो हमारे कुछ दलों और उनके नेता हर बार गलत जगह खड़े दिखाई देते हैं। इजरायल में ऐसा नहीं।

ऑपइंडिया के पाठकों के नाम सम्पादक का पत्र: आशा है 2021, 2020 जैसा न हो!

ऑपइंडिया सिर्फ पत्रकारिता नहीं है, यह एक मुहिम है जो सनातन आस्था की प्रतिरक्षा के लिए है। यह सिर्फ रिपोर्टिंग का काम नहीं है, बल्कि वामपंथियों के कैंसरकारी नैरेटिव को काटने के लिए अपना नैरेटिव बनाने का काम है।

‘डरे हुए’ हामिद अंसारी ने राष्ट्रवाद को बताया बीमारी, कहा- कोरोना से पहले ही देश ‘दो महामारी’ का हो चुका है शिकार

राष्ट्रवाद को जहर बता चुके पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अब इसमें आक्रामक शब्द जोड़ते हुए इसे बीमारी बताया है।

नेहरू से मतभेद, कॉन्ग्रेस में बढ़ता मुस्लिम तुष्टीकरण… ‘पंजाब केसरी’ ने ऐसे बढ़ाया हिन्दू महासभा को

जब उनका पंडित मोतीलाल नेहरू से राजनैतिक मतभेद हो गया तो उन्होंने 'नेशनलिस्ट पार्टी' का गठन किया और पुनः असेम्बली में पहुँच गए।

पंडित दीनदयाल और एकात्म मानववाद: पश्चिम की बजाय भारत को भारत की ही दृष्टि से देखना आवश्यक

दीनदयाल जी ‘राष्ट्र’ की संकल्पना में व्यक्ति को एक साधन के रूप में देखते हैं। व्यक्ति स्वयं के अतिरिक्त अपने राष्ट्र का भी प्रतिनिधित्व करता है।

मोदी-विरोधी लिबरल गैंग की बल्ले-बल्ले, ‘राष्ट्रवाद’ से लड़ने के लिए 100 करोड़ डालर देंगे जॉर्ज सोरोस

सोरोस के मुताबिक, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नरेंद्र मोदी भारत को एक हिन्दू राष्ट्रवादी देश बना रहे हैं। मुस्लिम बहुल अर्ध-स्वायत्त कश्मीर पर दंडात्मक उपाय किए और लाखों मुसलमानों को उनकी नागरिकता से वंचित करने की धमकी दे रहे हैं।

राष्ट्रवाद एक ‘जहर’ है जो वैयक्तिक अधिकारों का हनन करने से नहीं हिचकिचाता: हामिद अंसारी

"यह उत्कृष्ट भावनाओं को प्रेरित करती है लेकिन जब यह सिर चढ़ कर बोलेगी तो ऐसी स्थिति में यह उन मूल्यों को कुचल डालेगी, जिसकी रक्षा देश करना चाहता है। राष्ट्रवाद और देशप्रेम के बीच में भ्रम की ऐसी स्थिति पैदा हो रही है कि यदि इसे इसे छूट मिलती रही तो इसके परिणाम विस्फोटक होंगे।"

टैगोर ने महात्मा गाँधी की देशभक्ति और चरखा को विचारधारा का व्यापार बताया था

टैगोर लगातार अपने लेखन में महात्मा गाँधी की देशभक्ति की आलोचना करते नजर आते थे। उन्होंने लिखा कि किस तरह से कुछ लोगों के लिए यह उनकी आजीविका है, उसी तरह से कुछ लोगों के लिए राजनीति है, जहाँ वो अपने देशभक्ति की विचारधारा का व्यापार करते हैं।

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