जिला प्रशासन ने AMU से जुड़े 44 छात्रों सहित कुल 58 लोगों की भी पहचान की है, जिनको शहर में शांति भंग करने के लिए प्रशासन नोटिस जारी कर रहा है। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन को भी उनके पते उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।
"मैं समझ नहीं पा रहा कि मुस्लिम नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ क्यों विरोध प्रदर्शन कर रहे। कौन उनको देश से निकालने जा रहा जो जन्म से भारतीय हैं?नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध कर आप किसको अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं?"
कानपुर डीआईजी ने कहा था धरने का चेहरा बने और उपद्रवियों को पनाह देने के आरोपितों पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी। मोहम्मद अली पार्क और फूल पार्क में धरने को बाहर से लोग आकर समर्थन देने के साथ धरने पर बैठे लोगों को उकसा भी रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि विरोध ऐसा हो कि किसी दूसरे को कोई परेशानी न हो। सुनवाई को दौरान जजों ने तीखी टिप्पणी भी की और कहा कि अनिश्चित समय के लिए कोई कैसे पूरी सड़क को जाम कर सकता है?
"जो मोदी-शाह के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएगा वो सही मायने में मर्द-ए-मुजाहिद कह लाएगा। मैं वतन में रहूँगा, पर कागज नहीं दिखाऊँगा। कागज अग़र दिखाने की बात होगी, तो सीना दिखाएँगे कि मार गोली। मार दिल पे गोली मार, क्योंकि..."
उसने कहा कि सरकार ने एनआरसी न लाने की बात कही है, इसे लोगों को अपनी जीत समझना चाहिए। दारुल उलूम देवबंद के ठंडे पड़े तेवर को शाहीन बाग़ प्रदर्शन पर लगे कई आरोपों से जोड़ कर देखा जा रहा है। क्या विदेशी फंडिंग की पोल खुलने से दारुल उलूम डर गया है?
"अब ये प्रोटेस्ट CAA-NRC के विरूद्ध नहीं है। ये एक मौका है BJP और RSS के नेताओं को ये दिखा देने का कि मुस्लिम कितना संगठित है। अब वो दिन दूर नहीं जब सब जगह हमारे लोग होंगे या हम जिसे चाहेंगे, जो हमारे लिए काम करेगा, उसी की सरकार बनेगी, हम सरकार बनाएँगे भी और गिराएँगे भी।"
जेन ने लिखा है कि पुलिस भी बच्चे को प्रदर्शन में शामिल होने से रोकने में नाकाम रही, जबकि यह उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक था। पत्र के जरिए जेन ने पुलिस से बच्चे की मौत के कारणों की जाँच करने की माँग की है।
बचाव में पुलिस ने लाठीचार्ज कर महिलाओं को खदेड़ना शुरू कर दिया और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे। इसके बाद ही स्थिति को कंट्रोल में किया जा सका।
कपिल गुर्जर और उसके पिता गजे सिंह चौहान को AAP से संबंधित बताने वाली ट्वीट को नेता कुलदीप कुमार ने डिलीट कर दिया है, लेकिन आम आदमी पार्टी खुद अपनी वेबसाइट से इन दोनों के पार्टी से जुड़े होने की पुष्टि करता आर्टिकल हटाने से चूक गई। यदि AAP इस आर्टिकल को हटा लेती है, तो...