विभाजन के दौरान पाकिस्तान में हिन्दुओं-सिखों की मदद के लिए न आई कोई राजनीतिक पार्टियाँ और ना ही आए वह नेता, जो उस समय इतिहास में खुद को दर्ज कराना चाहते थे।
1947 का विभाजन कोई अचानक हुई घटना नहीं थी। इसके लिए मुस्लिमों ने लंबे समय से माँग उठाई थी। मगर फिल्म में दिखाया गया है जैसे हिंदुओं ने उन्हें खदेड़ा हो।