अमेरिका के न्यूयॉर्क में पश्तून तहफुज मूवमेंट (पीटीएम) ने अली वजीर की अवैध नजरबंदी और अफगानिस्तान में पाकिस्तान के छद्म युद्ध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
एनसीपीसीआर ने यह भी पाया कि बड़े लड़कों को भी विरोध स्थलों पर भेजा गया था। बच्चों को विरोध के लिए भेजना किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 83(2) का उल्लंघन है।
एमपी ही नहीं राजस्थान के किसान भी पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के प्रदर्शनकारियों द्वारा दिल्ली के आसपास हो रहे विरोध प्रदर्शनों में शामिल नहीं हुए हैं। राजस्थान के एक किसान ने नए कृषि कानूनों को लाने के लिए पीएम मोदी को बहुत धन्यवाद दिया।
कॉन्ग्रेस सांसद ने शो के दौरान यह दावा करके दर्शकों को गुमराह करने का काम भी किया कि मोदी सरकार द्वारा इन तीन कृषि बिलों के पारित होने के साथ किसानों की जमीनें छीन ली जा रही हैं।
जब उनसे पूछा गया कि इस 'किसान आंदोलन' में इंदिरा गाँधी की हत्या को याद कराते हुए पीएम मोदी को भी धमकी दी गई है, तो उन्होंने कहा कि जिसने जो बोया है, वो वही काटेगा।