करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भी सिद्धू ने पाकिस्तान की तारीफ़ों के पुल बाँधे थे। एक पाकिस्तानी चैनल से बातचीत करते हुए सिद्धू ने कहा था कि शांति की पहल हमेशा से पाकिस्तान ने ही पहले की है।
गुजरात के लोग ये जानते हैं कि आपके नेतृत्व में प्रकाशित होने वाले अख़बार हमेशा सरकार विरोधी और प्रतिष्ठान विरोधी रुख़ अपनाता रहा है। यही वजह है कि बतौर संपादक आप तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज के ख़िलाफ़ लिखते रहे हैं।
क्या अकारण वीरगति को प्राप्त हुए सेना के जवान और आतंकी मनसूबों के साथ मरने वाले आतंकवादियों में कोई फर्क ही नहीं रह गया है? अपने दुख को इन जवानों के घर वालों के दुख के समान बताकर किस तरह का माहौल बनाया जा रहा है?
रहमान मलिक का आरोप है कि अंतराष्ट्रीय न्यायालय में लंबित कुलभूषण जाधव के मसले से ध्यान हटाने के लिए भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ ने ख़ुद ही हमले कराए हैं।
जहाँ एक तरफ देश पुलवामा में शहीद हुए 44 सीआरपीएफ के जवानों को लेकर शोक मना रहा था, वहीं दूसरी ओर दिव्या स्पंदना ने NDTV की आधी-अधूरी रिपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए ट्रेन-18 के बारे में झूठी ख़बर फैलाते हुए ट्रेन को विफल बताया।
मध्य प्रदेश के मऊगंज के सिविल कोर्ट कर्मचारी राजकरण सिंह ने कहा कि वो अपने शरीर पर विस्फोटक सामग्री बाँधकर आतंकी क्षेत्र में जाना चाहते हैं और इसके लिए वे प्रधानमंत्री की अनुमति चाहते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएँ ग़रीबों से जुड़ी, सड़कों से जुड़ी, रेलवे से जुड़ी, रोज़गार से जुड़ी हई हैं।
सर्वदलीय बैठक से पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर पर बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में गृह सचिव राजीव गौबा सहित इंटेलीजेंस ब्यूरो(आईबी) के बड़े अधिकारी भी बैठक में शामिल रहे।
अमेरिका के एनएसए जॉन बॉल्टन ने बीते शुक्रवार सुबह जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से फोन पर बात करते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की थी।