आलीम ने NDTV के ट्वीट पर अपनी इच्छा जाहिर करते हुए पूछा - इंडियन FM किधर है? लेकिन, जैसे ही अन्य यूजर्स ने उसे इस पर घेरना शुरू किया और उसके ट्वीट का स्क्रीनशॉट वायरल होना शुरू हुआ, उसने फौरन अपना अकॉउंट डिएक्टिवेट कर दिया और मुजरिमों की तरह ट्विटर से फरार हो गया।
"वाह कैफ जी वाह, बहुत खूब आप में और गैर इमान वालों में क्या फर्क है बता सकते हैं? अरे आपको चाहिए अपने परिवार को बोलते अल्लाह के सामने सजदा करो, दुआ माँगो, रो-रोकर दुआ माँगो और सुन्नत पे चलो। अल्लाह की बात छोड़ बजाय फेकू साहब की मान रहे हो, वाह।"
केवल इतिहासकार नहीं, बल्कि 'मस्जिद' के भीतर रखा गया 11वीं शताब्दी का शिलालेख भी इस बात को संदर्भित करता है कि पहले ये 'मस्जिद' इंद्रनारायण का मंदिर था। लेकिन राज्य सरकार की तुष्टिकरण वाली ऐसी क्या मजबूरी कि वो सच बोलने से बचती है?
कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए लोगों से एक जगह जुटने को नहीं कहा जा रहा। लेकिन, तौहीद जमात जैसे कट्टरपंथी संगठनों को इन सबसे फर्क नहीं पड़ता। सीएए विरोध में चेन्नई हाई कोर्ट के पास प्रदर्शन कर उन्होंने यह बता दिया है।
ओवैसी, शरजील इमाम, हुसैन हैदरी, इकबाल, जिन्ना, लादेन की फेहरिश्त में आप नाम जोड़ते जाइए उन सबका भी जो शायद आपके आसपास बैठा हो, जो आपके साथ काम करता हो, जिनका पेशा कुछ भी क्यों न हो लेकिन वो लगे हों उम्मत के लिए ही।
"आज बम बाँध कर फटने वाले ज्यादातर आतंकी आखिर और किस मजहब को मानने वाले हैं? अगर इन में से ज्यादातर मुस्लिम ही हैं तो क्यों नहीं इनकी प्रोफाइलिंग की जाए?"
"आलिया भट्ट अपनी अगली फ़िल्म में वेश्याओं की दलाल का रोल प्ले कर रही हैं, जो गंगू बाई के जीवन पर आधारित है। गंगू बड़े गैगस्टर्स को लड़कियाँ सप्लाई करती थी और कहा जाता है कि वो देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की भी दोस्त थी। आलिया को फिर अवॉर्ड मिल जाएगा।"
शाहनवाज, जिसका ट्विटर हैंडल ‘shanu_sab’ ने दावा किया कि इनमें से एक महिला कंचन यादव है। उसका कहना था कि ये औरतें बुर्का पहनकर अक्सर डांस करती रहती हैं।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक शरजील अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में आना चाहता था। वह आर्टिकल 370, अयोध्या और सीएए को लेकर मुस्लिमों को कड़ी प्रतिक्रिया देने के लिए लगातार भड़का रहा था।
“जब मैं SDPI के नाम का उल्लेख करता हूँ तो विपक्ष क्यों उत्तेजित हो रहा है? क्या वे कह रहे हैं कि मुझे SDPI और उग्रवाद के बारे में बात नहीं करनी चाहिए?” SDPI एक चरमपंथी इस्लामी राजनीतिक संगठन है, जो केरल और देश के अन्य कई हिस्सों में कई सांप्रदायिक हमलों के पीछे है।