मेवाड़ राजघराने के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ का कहना है कि वो राम के वंशज हैं और वो चाहते हैं कि राम मंदिर जल्द से जल्द बने। वहीं, अरविंद सिंह ने यह भी कहा कि उन्हें अयोध्या में किसी भी तरह की कोई संपत्ति नहीं चाहिए।
कोर्ट ने रामलला के वकील से पूछा कि राम का जन्मस्थान कहाँ है? तो वकील एस सी वैद्यनाथन ने इसका जवाब देते हुए कहा कि राम का जन्मस्थान बाबरी मस्जिद के गुंबद के नीचे है।
बीजेपी संसद ने एक पत्रावली दिखाई, जिसमें भगवान राम के वंश के सभी पूर्वजों का नाम क्रम से लिखा हुआ है। इसी पत्रावली में 209वें वंशज के रूप में सवाई जयसिंह और 307वें वंशज के रूप में दीया के पिता महाराजा भवानी सिंह का नाम लिखा हुआ है।
"यदि इस मामले पर कोर्ट में हफ्ते में पाँच दिन सुनवाई होती है तो यह अमानवीय होगा।” मुस्लिम पक्षकारों के वकील के मुताबिक उन्हें दिन रात अनुवाद के कागज पढ़ने और अन्य तैयारियाँ करनी पड़ती हैं। इसलिए वो तालमेल नहीं बिठा पाएँगे।
पीठ को परासरन ने बताया कि हिन्दू धर्म में किसी स्थान को उपासना के लिए पवित्र स्थल मानने के लिए वहॉं मूर्तियों का होना जरूरी नहीं है। नदी और सूर्य की भी पूजा होती है और जन्म स्थान को भी कानूनी व्यक्ति माना जा सकता है।
"मजहब से बड़े अपने पूर्वज होते हैं इसलिए मुसलमानों को खड़ा होकर समर्थन करना चाहिए। हमारे और मुसलमानों के डीएनए एक हैं, ये मक्का-मदीना से नहीं आए। पूर्वज हमारे एक है, राम हैं, कृष्ण हैं, शिव हैं।"
सुनवाई के दौरान जजों ने निर्मोही अखाड़ा से पूछा कि क्या आपके पास इस बात को कोई सबूत हैं जिससे आप साबित कर सके कि राम जन्मभूमि की जमीन पर आपका कब्जा है? इसके जवाब में निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि 1982 में एक डकैती हुई थी, जिसमें उनके कागजात खो गए। इसके बाद जजों ने निर्मोही अखाड़ा से अन्य सबूत पेश करने को कहा।
निर्मोही अखाड़ा ने खुद को पंजीकृत संस्था बताते हुए कहा कि विवादित भूमि पर उसका दावा 1934 से है, जबकि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस पर अपना दावा उसके कई वर्षों बाद 1961 में किया था। कई दशक पहले मुस्लिमों ने वहाँ नमाज पढ़ना बंद कर दिया था।
रामायण और राम के नए विशेषज्ञ पैदा हुए हैं, जो झूठ की खेती से उपजे मक्कारी भरे फ़सल को दिखा कर हमें यह बता रहे हैं कि 'श्री' ग़लत है और 'सिया' सही है। अब हिन्दुओं को इनसे सीखना पड़ेगा कि शिव को 'महादेव' कहना है या 'भोलेनाथ'। ग़लत इतिहास बताने वाले ट्रिब्यून के लेख का भंडाफोड़।