राम मंदिर निर्माण को लेकर बैठक हुई। सभी संतों ने मंदिर के निर्माण में देरी न हो, इसे लेकर एकमत राय दी। बैठक में कहा गया कि इस विषय पर फैसला लेने का यह सही समय है, क्योंकि राम के नाम पर ही सरकार बनी है।
ओरछा स्थित रामराजा मंदिर एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहाँ भगवान राम को भगवान के रूप में पूजने के साथ ही राजा के रूप में भी पूजा जाता है। इनको दिन में पांचों पहर सशस्त्र गार्डों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर (सलामी) दिया जाता है।
भगवान श्रीराम की प्रतिमा 151 मीटर ऊँची होगी, 50 मीटर ऊँचे पैडस्टल और 20 मीटर ऊँचे छत्र के बाद प्रतिमा की कुल ऊँचाई 221 मीटर हो जाएगी। 50 मीटर ऊँचे पैडस्टल के अंदर ही अत्याधुनिक म्यूज़ियम भी बनाना तय हुआ है।
साध्वी प्रज्ञा ने कहा, “मैंने ढाँचे पर चढ़कर तोड़ा था। मुझे गर्व है कि ईश्वर ने मुझे अवसर दिया और शक्ति दी और मैंने यह काम कर दिया। अब वहीं राम मंदिर बनाएँगे।”
अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप लोग इस देश को शांति से नहीं रहने देंगे, कोई न कोई हमेशा उकसाता रहता है। इलाहाबाद HC ने याचिकाकर्ता पर ₹5 लाख का जुर्माना लगाया था। सुप्रीम कोर्ट ने उस जुर्माने को भी हटाने से इनकार किया।
पिछले साल अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के तीन संदिग्ध सहयोगियों को दिल्ली पुलिस के विशेष दल ने गिरफ़्तार किया था क्योंकि वे रिज़वी को मारने की योजना बना रहे थे।
इस फैसले के क्या परिणाम होंगे? अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हालाँकि, अयोध्या मामले के इतिहास पर नज़र डाले तो सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला घड़ी को उल्टी दिशा में घुमाकर 30 साल पीछे ले जाता दिखता है।