रवीश कुमार पहलू खान के हत्यारों को हिंदू बताते नहीं अघाते। लेकिन, बेंगलुरु में हिंसा करने वालों को लेकर उनका कहना है कि दंगाइयों का कोई मजहब नहीं होता।
पूरे दिन बर्फ की सिल्ली पर बैठा रहा और जलन ऐसी कि 'जिया जले, जाँ जले, सिल्ली पर धुआँ चले' हो गया। जैसे ऊर्ध्वपाती पदार्थ होते हैं न जो ठोस से सीधा गैसीय अवस्था को प्राप्त कर जाते हैं, वैसे ही आप यकीन मानिए कि बर्फ की सिल्ली ठोस बर्फ से सीधे वाष्पीकृत हो रही थी और रत्ती भर भी पानी नहीं बन पा रहा था।
भारत की पत्रकारिता में यह रवीश का सबसे बड़ा योगदान है। अच्छी योजनाओं और सरकारी कार्यों में भी, खोज-खोज कर कमियाँ बताई जाने लगी हैं। देखा-देखी बाकी वामपंथी एंकरों और पुराने चावल पत्रकारों ने भी, अपनी गिरती लोकप्रियता बनाए रखने के लिए, अपने दैनिक शौच से पहले और फेफड़ों से चढ़ते हर खखार (हिन्दी में बलगम) के बाद, मोदी और सरकार को गरियाना अपना परम कर्तव्य बना लिया है।
शो में, रवीश कुमार ने दिल्ली में चीनी महामारी से प्रभावित लोगों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार पर यह दावा करते हुए कटाक्ष किया कि, जब भी सरकार को.........
सात चीनी कंपनियों की पहचान की गई है, जिनमें हुवाई, अलीबाबा समेत 7 बड़ी कंपनियों के नाम शामिल हैं। ये उन 7 कंपनियों की सूची में शामिल हैं, जिनके खिलाफ भारतीय खुफिया सूत्रों ने.......