Friday, April 19, 2024

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Ravish Kumar

रवीश की नई रिपोर्ट- भोजपुरिया बकैत कुमार: अजीत भारती का वीडियो | Ajeet Bharti on Bhojpuri Ravish

रवीश के लिए लॉकडाउन करो तो समस्या है, नहीं करो तो समस्या है। रवीश ने नवंबर 2019 से लेकर सितंबर के तीसरे सप्ताह तक बिहार के बारे के बारे में कुछ नहीं बोला।

व्यंग्य: बकैत कुमार कृषि बिल पर नाराज – अजीत भारती का वीडियो | Bakait Kumar doesn’t like farm bill 2020

बकैत कुमार आए दिन देश के युवाओं के लिए नोट्स बना रहे हैं, तब भी बदले में उन्हें केवल फेसबुक पर गाली सुनने को मिलती है।

व्यंग्य: रवीश जी दुबरा गए हैं, एतना चिंता हो रहा है देस का कि का कहें महाराज!

एक समाज के तौर पर हम कहाँ जा रहे हैं? धरती घूम रही है और हम भी घूम रहे हैं। इसी धरती पर मोदी हमें घुमा रहा है। जबकि लेहरू जी द्वारा भारत को दिए गए विज्ञान की सौगात यही कहती है किसान को किसान ही रहने दो, उसको व्यापारी मत बनाओ।

रवीश ने खोली अपने ही NDTV की पोल: सुशांत मामले में दूसरों को घेर रहे थे, खुद के चैनल पर 162 वीडियो

इतना ही नहीं... NEET, JEE, SSC, Railway पर चर्चा करते हुए रवीश कुमार बीच में राहुल गाँधी के वीडियो का प्रमोशन करते भी नजर आए और...

राजदीप की तरह ही रवीश भी दे रहे थे ज्ञान, पर खुद के चैनल पर भी सुशांत ही चल रहा

राजदीप सरदेसाई की तरह ही रवीश कुमार भी सुशांत कवरेज पर मीडिया को पाठ पढ़ाते रहे हैं। लेकिन, दोनों के चैनल पर भी यह मुद्दा छाया हुआ है।

अब्दुल अब्दुल अब्दुल… : अजीत भारती का अब्दुल वाला वीडियो । Ajeet Bharti roasts Ravish Kumar and Rahat Indori

बंगलुरु में दंगे हो गए, कॉन्ग्रेस विधायक के भतीजे ने किसी हिन्दूघृणा से रिसते पोस्ट के नीचे कोई कमेंट किया और अल्पसंख्यक समुदाय को बुरा लग गया।

मोतियाबिंद वाले रवीश कुमार: पहलू खान को सौ हिन्दुओं ने मारा, बेंगलुरु के दंगाइयों का मजहब नहीं दिख रहा

रवीश कुमार पहलू खान के हत्यारों को हिंदू बताते नहीं अघाते। लेकिन, बेंगलुरु में हिंसा करने वालों को लेकर उनका कहना है कि दंगाइयों का कोई मजहब नहीं होता।

व्यंग्य: बकैत रवीश कुमार भूमिपूजन पर बोले- बर्नोल न भेजें, घर में बर्फ की सिल्ली रखता हूँ

पूरे दिन बर्फ की सिल्ली पर बैठा रहा और जलन ऐसी कि 'जिया जले, जाँ जले, सिल्ली पर धुआँ चले' हो गया। जैसे ऊर्ध्वपाती पदार्थ होते हैं न जो ठोस से सीधा गैसीय अवस्था को प्राप्त कर जाते हैं, वैसे ही आप यकीन मानिए कि बर्फ की सिल्ली ठोस बर्फ से सीधे वाष्पीकृत हो रही थी और रत्ती भर भी पानी नहीं बन पा रहा था।

रवीश जी, आपका हर शो चुटकुला ही है, फिर कॉमेडी के लिए इतना परिश्रम काहे भाई!

भारत की पत्रकारिता में यह रवीश का सबसे बड़ा योगदान है। अच्छी योजनाओं और सरकारी कार्यों में भी, खोज-खोज कर कमियाँ बताई जाने लगी हैं। देखा-देखी बाकी वामपंथी एंकरों और पुराने चावल पत्रकारों ने भी, अपनी गिरती लोकप्रियता बनाए रखने के लिए, अपने दैनिक शौच से पहले और फेफड़ों से चढ़ते हर खखार (हिन्दी में बलगम) के बाद, मोदी और सरकार को गरियाना अपना परम कर्तव्य बना लिया है।

बबलू बबलू बबलू… 2+9 होता 5… ‘पीने लगे रवीश, राफेल-राम मंदिर से हिला संतुलन’ – लोगों ने लिए मजे

रवीश कुमार राफ़ेल के भारत पहुँचने से इतने बौखलाए हुए हैं कि प्राइम टाइम में बबलू बबलू बबलू करने लगे। लोग उन्हें 'पीकर' काम ना करने...

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