लोकसभा चुनाव में न केवल जातीय गणित फेल हुआ है, बल्कि वंशवादी राजनीति को भी भारी झटका लगा है। राजनीतिक परिवार से आने वाले अधिकांश उम्मीदवारों को इस बार हार का सामना करना पड़ा है।
दरअसल, आजकल सोशल मीडिया पर बराक ओबामा का एक पोस्ट वायरल हो रहा है। लोग इस पोस्ट को शेयर करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को ढेरों बधाइयाँ भी दे रहे हैं।
शालिनी यादव अब भी PM नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी से उम्मीदवार हैं क्योंकि उन्होंने अभी तक अपना नामांकन वापस नहीं लिया है। माना जा रहा है कि शालिनी यादव का अपना जनाधार है, इसलिए SP के नए उम्मीदवार और BSF के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
"मैं जेल में हूँ। वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहता हूँ। इसके लिए मैंने नामांकन फॉर्म भी खरीद लिया है। मगर जेल में रहकर चुनाव प्रचार नहीं कर सकता। इसलिए चुनाव प्रचार करने के लिए मुझे तीन सप्ताह के लिए जमानत पर रिहा किया जाए।"
कुछ दिनों पहले आजम खान ने भाजपा प्रत्याशी जयाप्रदा के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने कड़ा एक्शन लिया और आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में बड़ा कदम उठाते हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के चुनाव प्रचार करने पर 72 घंटे के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।
रामपुर के प्रत्याशी और विवादित बयानों के ब्रांड अम्बैसडर बन चुके आजम खान के बचाव में बात करते हुए डिंपल यादव ने कहा कि बीजेपी जनता का असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए तरह-तरह की बातें बना रही है। उनकी मानें तो मीडिया को इन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
"आजम पापी है, उनका संहार होगा। जया प्रदा मेरी छाया की तरह हैं, इसलिए आजम खान को खुजली हो रही है। पार्टी का हर कार्यकर्ता जया प्रदा के लिए काम कर रहा है।"
सपा नेता पंडित सिंह से जब मीडिया वालों ने पूछा कि आपको नहीं लगता है कि आजम खान का एक महिला के लिए इस तरह से बोलना गलत है, तो उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा, “आपको लगता है कि वो महिला है, वो महिला नहीं है, उनका बहुत ऊँचा है सोच।”
मामले को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग ने जिलाधिकारी से इस मामले पर रिपोर्ट की। इसके बाद वीडियो अवलोकन टीम के प्रभारी द्वारा मामले की जाँच हुई और फिर पुलिस में आजम के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की गई।