पादरी को गिरफ़्तार किए जाने के बाद पुलिस को विदेश से कई फोन कॉल आए, जिनमें उसे छोड़ने को कहा गया। ये दिखाता है कि भारत में ईसाई पादरियों व चर्चों के नेक्सस की कितनी बड़ी पहुँच है। पादरी ने आधी रात के समय महिलाओं को अकेले देख कर छेड़खानी की।
असम राइफल्स का पूछना है कि 2 बजे दोपहर में कई लोगों के सामने उसका कोई जवाब यौन शोषण अथवा छेड़खानी कैसे कर सकता है? सुरक्षा बल ने कहा कि इसके बावजूद महिला IPS अधिकारी की शिकायत की जाँच की जाएगी।
इतने विभत्स अपराध के बावजूद हुसैन को बच्ची के साथ बलात्कार का दोषी नहीं, बल्कि बाल यौन शोषण अपराध का दोषी ठहराया गया। और उसे सजा कितनी मिली? सिर्फ 75 घंटों के लिए समाज सेवा करने का आदेश! रेप पीड़िता के साथ यह कैसा न्याय?
बालिका गृह से गायब दाे किशोरियॉं आखिर कहॉं गईं? जिन दो बच्चियों की हत्या की बात उनके साथियों ने कही थी, उनके शव ब्रजेश ठाकुर एंड कंपनी ने कहॉं ठिकाने लगाया? दो बड़े सवाल जिनका सीबीआई नहीं दे पाई जवाब।
पुलिस के मुताबिक, जेम्स के ख़िलाफ़ महिला ने शिकायत दर्ज करवाते हुए उसपर आरोप लगाया कि सीटी स्कैन के दौरान जेम्स ने उसका शोषण किया और उसकी तस्वीरें खींचीं।
अमजद के अलावा गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपितों में वकास, नदीम, साजिद, वसीम, मेटाब इस्लाम, रिजवान, इश्तियाक, असद महमूद, अरफ महमूद, अरफ मीर, यूनिस खान, नदीम नासिर, शहज़ाद नवाज़, शाज़ाद नज़ीर, सोहेल जफ़र और क्रिस्टोफर ईस्टवुड का नाम शामिल है।
"मैं मजदूर हूँ। 5 महीने पहले पति मर गए। बेटे काम की तलाश में दरभंगा और नेपाल चले गए। एक महीने पहले जब मेरी बेटी खेत में धान काट रही थी, तभी अरमान अंसारी ने उसके साथ बलात्कार किया। उसे गर्भ भी ठहर गया। मैं चाहती थी कि वो मेरी बेटी से शादी कर ले, लेकिन उसने इनकार कर दिया और फिर जला कर मार भी डाला।"
आरोपित ने कथित तौर पर महिला का गुप्त तरीके से नहाते हुए वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया था। जिसके बाद महिला ने उससे वीडियो हटाने को कहा, मगर जब टोंडे ने नहीं सुनी तो महिला ने एक शिकायत दर्ज करवाई और पुलिस द्वारा उसको गिरफ्तार कर लिया गया। कुछ दिन पहले वह जमानत पर छूटा, तो...
2017 में यौन हिंसा के 2936 और 2018 में 3045 मामले सामने आए। बलात्कार के प्रयास की 587 शिकायतें मिली। उत्पीड़न के अन्य मामले बिना सहमति के छूने और चुंबन से संबंधित हैं।
“यह प्रियंका की सुरक्षा के लिए नहीं है और ना ही मेरी बेटा-बेटी या फिर गाँधी परिवार के लिए है। यह हमारे नागरिकों के लिए है विशेषकर देश की महिलाओं को सुरक्षा देने की बात है ताकि वो खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। देश भर में महिलाओं को सही तरीके से सुरक्षा नहीं मिल रही है…"