पीड़िता ने स्थानीय ठेकेदार से अक्टूबर 2018 में शादी की थी। सुहागरात के दिन ही उसके पति ने पीड़िता के साथ बिताए अंतरंग पलों को अपने फोन के कैमरे में क़ैद कर लिया। महिला की आपत्ति के बाद उसने वीडियो को डिलीट कर देने का भरोसा दिया। लेकिन, उसने ऐसा नहीं किया।
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि इस मामले में एकतरफा कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पीड़ित पक्ष के ही तीन युवकों को हिरासत में ले लिया। ग्रामीणों ने जब थाना पहुँच कर विरोध प्रदर्शन किया और हिंदूवादी संगठनों ने आवाज़ उठाई, तब जाकर उक्त युवकों को छोड़ा गया।
2016 में जान-पहचान। जल्द ही प्रपोज़ भी। 2017 में धर्मांतरण के लिए बाध्य कर किया निकाह। शादी के कुछ दिन बाद से ही मार-पीट और अप्राकृतिक सेक्स के लिए प्रताड़ना। इसके बाद जल्दी पैसे कमाने की चाहत में बलात्कार के झूठे मामले दर्ज कराने का बनाने लगा दबाव।
"इससे पहले कि आप जज करें कि मैंने कौन से कपड़े पहन रखे थे, मैं आपको बता दूँ कि मैंने नार्मल जीन्स-टॉप ही पहन रखा था। जैसे ही मैं उसकी टैक्सी में घुसी, ड्राइवर ने अपने पेंट की चेन खोल कर अश्लील हरकतें करनी शुरू कर दी। उसने मुझे ग़लत निगाहों से घूरना शुरू कर दिया।"
माँ-बेटी जिस गाँव में रहते हैं, सभी आरोपी उसी गाँव के हैं। इस मामले में 5 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपित खुर्शीद समेत 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
इस गंभीर आरोप को अमेरिकी राष्ट्रपति ने सिरे से खारिज कर दिया और कहा, “मैं अपने जीवन में इस महिला से कभी नहीं मिला।” अपने बयान में ट्रंप ने इस आरोप को फर्जी खबर बताया और सवाल किया कि इस घटना का कोई सबूत या गवाह क्यों नहीं है?
शहर के जाने-माने लिस्बन रेस्ट्रोबार में महिला को अवैध रूप से काम पर रखा गया था। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि जब उसने मदद के लिए पुलिस से गुहार लगाई तो पुलिस ने भी उसे बचाने में आनाकानी की।
नाना पाटेकर के बारे में मुंबई पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उनके ख़िलाफ़ इस मामले में किसी भी प्रकार का सबूत न मिलने के कारण जाँच आगे नहीं बढ़ाई जा सकती और पुलिस इस केस को बंद किया जाता है।