सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल ने जिंदगी आगे बढ़ाने का फैसला किया है, इसके लिए उन्होंने अपने दोस्तों को मुंबई के बास्तियन रेस्टोरेंट में 23 जून को इन्वाइट किया है।
भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह ने आसनसोल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। उम्मीदवारी के 17 घंटों के भीतर ही उन्होंने मैदान से हटने की घोषणा कर दी।
2019 लोकसभा चुनाव कॉन्ग्रेस के टिकट पर लड़ कर हार चुके सिन्हा इस बात से भी गदगद दिखे कि पीएम ने प्लास्टिक को 'गुड बाय' कह कर प्रदूषण नियंत्रण में योगदान देने की अपील की। साथ ही सिन्हा ने पीएम द्वारा भारतीय पर्यटन को एक नया आयाम देने के लिए भी धन्यवाद किया।
शत्रुघ्न सिन्हा की हार के पीछे जो भी फैक्टर हैं, उनका न तो कॉन्ग्रेस से कुछ लेना-देना है और न ही भाजपा से। यह उनकी व्यक्तिगत हानि है, उनकी विफलता है, जिसके ज़िम्मेदार वह ख़ुद हैं। क्या हैं सिन्हा कि हार के कारण, समझिए स्थानीय समीकरणों के साथ।
कॉन्ग्रेस पार्टी ने मधुबनी सीट पर वीआईपी के उम्मीदवार बद्री पूर्वे के खिलाफ अपनी पार्टी के बागी शकील अहमद को प्रत्याशी बनाया है। अब इसी का बदला लेने के लिए वीआईपी ने पटना साहिब से कॉन्ग्रेस प्रत्याशी शत्रुघन सिन्हा के खिलाफ...
जिन्ना का बचाव करते हुए मेमन ने भारत की स्वतंत्रता संग्राम में उनका 'अहम योगदान' बताया। उन्होंने कहा कि जिन्ना को लेकर सिन्हा द्वारा बयान से लोग आपत्ति इसीलिए जता रहे हैं क्योंकि जिन्ना एक मुस्लिम थे।
पी चिदंबरम ने भी एक तरह से सिन्हा से किनारा करते हुए कहा, “उनके (सिन्हा) जो भी विचार हैं, उसका स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए। कुछ दिन पहले वह भाजपा का हिस्सा थे। भाजपा को बताना चाहिए कि वह इतने साल तक पार्टी का हिस्सा क्यों थे।
लोगों ने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर एक राजनेता ख़ुद अपना जूता नहीं उतार सकता तो जनता की सेवा क्या करेगा? शत्रुघ्न सिन्हा पटना से सांसद हैं और इस बार उन्होंने अपनी पुरानी पार्टी भाजपा छोड़ कॉन्ग्रेस का दामन थामा है।