"20 जून (2022) को 40 विधायकों के एक बड़े समूह ने भाजपा द्वारा धमकाए जाने के बाद हमारी पार्टी को छोड़ दिया। बताया गया है कि दल-बदल के लिए उनमें से प्रत्येक ने 50-50 करोड़ रुपए लिए।"
यह शिवसेना नहीं, मराठी मानुष और हिंदुत्व को तोड़ने का षडयंत्र है। जिसको कभी गली का कुत्ता भी नहीं पूछता था, आज वो उन्हें तोड़ने की प्लानिंग कर रहे हैं।