Monday, November 25, 2024

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दिल्ली के मरकज़ में उपस्थित थे 9000 जमाती, 3200 को ही खोज पाई है पुलिस: वरिष्ठ पत्रकार का दावा

कई राज्यों में पुलिस के दबिश देने के बाद बड़ी संख्या में जमाती सामने आए, जो मुसलमानों के प्रभाव वाले विभिन्न इलाक़ों में मस्जिदों वगैरह में छिपे हुए थे। आज ही महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि राज्य से लापता तबलीगी जमात के 58 सदस्यों में से 40 का पता लगा लिया गया है।

तमिलनाडु: निजामुद्दीन मरकज से आए कोरोना संक्रमित तबलीगी जमाती ने नर्स के ऊपर थूका, FIR दर्ज

पुलिस ने कहा कि वह जब से वार्ड में भर्ती हुआ है, तब से वह मेडिकल स्टाफ के साथ सहयोग नहीं कर रहा है। अस्पताल के अधिकारियों ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करवाई है और अस्पताल की शिकायत के आधार पर मरीज के खिलाफ आईपीसी की धारा 269, धारा 270 और धारा 271 के तहत केस दर्ज किया गया है।

‘कोरोना जिहाद’ का मास्टरमाइंड जालिम मुखिया गिरफ्तार, नेपाल के रास्ते संक्रमण फैलाने का था प्लान

रक्सौल बॉर्डर पर भारतीय सुरक्षा कर्मियों ने जमातियों को रोकने का प्रयास किया था, मगर सभी जमाती जबरन नेपाल की सीमा में प्रवेश कर गए थे। यह सभी जमाती पाकिस्तान, इण्डानेशिया व भारत के थे। जिन्हें सीमा पार के बाद जालिम मुखिया ने शरण दी और उन्हें 10 बाइकों की व्यवस्था करके ले गया।

बंजारन मस्जिद, मौलानाओं के ले जाती पुलिस और सैकड़ों की भीड़ का 5 घंटे तक बवाल: डर के साए में हल्‍द्वानी

जैसे ही मौलानाओं को क्‍वारंटाइन करने की सूचना फैली, सैकड़ों की भीड़ सड़क पर उतर आई। पुलिस और मौलाना को एक साथ देखकर लोगों ने हो-हल्ला करना शुरू कर दिया। शोर-गुल सुनकर आस-पास से तकरीबन 200 से अधिक लोगों की भीड़ वहाँ सिर्फ 5 मिनट में जुट गई।

मोबाइल टावर, 9 दिन का हजारों डेटा… और भारत में अपने तरह का पहला ऑपरेशन: IB ने कोरोना को ऐसे रोका

इंटेलिजेंस ब्यूरो के मल्टी एजेंसी सेंटर (मैक) ने कई मोबाइल टावरों की मदद से 14 मार्च से लेकर 22 मार्च तक का एक बड़ा डेटा निकाला। इसके बाद आधिकारिक रजिस्टरों के माध्यम से, आईबी ने भारत के विभिन्न राज्यों से तबलीगी जमात में आए लगभग 4,000 सदस्यों के मोबाइल नंबरों और घरों/निवास स्थानों का पता लगाया, जो 13 मार्च से मरकज की बैठक में शामिल हुए थे।

व्यंग्य: तबलीगी मासूमों को बदनाम न करें | Stop hating Tablighi Muslims, it’s islamophobia

एक सोची-समझी साजिश के तहत, अपने ही भीतर के कुदरती थूक, कुदरती पेशाब और कुदरती टट्टी को अपने मन के हिसाब से यहाँ-वहाँ फेंकने वाले मासूम तबलीगियों को मुसलमान होने के कारण बदनाम किया जा रहा है।

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