यह वीडियो अल-क़ायदा के मीडिया विंग कमांडर अल शबाब ने ‘डोन्ट फॉरगेट कश्मीर’ नाम से जारी किया। इसमें जवाहिरी ने कश्मीर में सीमा पार से आतंकवाद के मामलों में पाकिस्तान का हाथ होने की बात भी कही।
पंजाब पुलिस ने एसएफजे के खिलाफ भारत में आतंकी गतिविधियों को लेकर डेढ़ दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज कर रखे हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी इस संगठन के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। एसएफजे के लीगल हेड और प्रवक्ता गुरपतवंत पन्नू ने हाल में पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता को एक वीडियो मैसेज के जरिए धमकी दी थी। भारत द्वारा आग्रह करने के बाद पन्नू के ट्विटर हैंडल को हटा दिया गया था।
पार्सल में मौजूद RDX को पंजाब भेजा जा रहा था और इसके पीछे जिम्मेदार लोगों का पता लगाया जा रहा है। इस घटना का सम्बन्ध खालिस्तानी आंदोलन के साथ जोड़ा जा रहा है।
जवाहिरी ने आतंकियों को यह हिदायत भी दी कि मस्जिदों व मुस्लिम बहुल स्थलों को निशाना न बनाएँ। ज़वाहिरी ने कहा कि पाकिस्तान जिहादियों का इस्तेमाल अपना राजनीतिक हित साधने के लिए करता है और बाद में धोखा दे देता है।
ये वही जाकिर मूसा है जिसे सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया था, उसके बाद से ही अंसार गजवातुल हिंद बदला लेने पर उतारू है। सुरक्षा बलों ने इन खुफिया इनपुट्स के बाद अमरनाथ यात्रा को लेकर चौकसी कड़ी कर दी है।
गिरफ्तार हुए तीनों बांग्लादेशी भारत में अपने संगठन के लिए धन जुटाने और बाकी लोगों को अपने संगठन में भर्ती करने के इरादे से आए थे और चौथा संदिग्ध इनकी इस काम में मदद कर रहा था। फिलहाल ये चारों पुलिस की हिरासत में हैं और कोलकाता पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है।
राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना ने देश में लागू आपातकाल की सीमा बढ़ा दी है। यह शनिवार को समाप्त होने वाला था। इस कानून के अंतर्गत पुलिस और सुरक्षा बलों को हिरासत समेत इसके अंतर्गत व्यापक अधिकार मिले थे।
सत्यपाल मलिक ने कहा कि जन्नत के नाम पर युवाओं को बरगलाया जाता है कि हथियार उठाने पर वे जन्नत जाएँगे। उन्होंने कहा कि वास्तव में यहाँ के युवाओं के पास दो जन्नत हैं। एक तो खुद कश्मीर है और दूसरा वो जो वे एक अच्छा मुस्लिम बनकर बाद में हासिल करेंगे।
इस साल मई के महीने में नागालैंड के मोन जिले के अंतर्गत असम राइफल्स 40 रेजिमेंट के जवानों के पर उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला कर दिया था। इसके बाद दोनों तरफ से ताबड़तोड़ गोलियाँ चली थी। इस हमले में असम राइफल्स के 2 जवान शहीद हो गए थे।