Sunday, November 24, 2024

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योगी सरकार को ‘डराने’ में जुटा लिबरल गैंग, वायर वाले सिद्धार्थ वरदराजन के अमेरिकी होने का दे रहा धौंस

फेक न्यूज को लेकर 'द वायर' के एडिटर सिद्धार्थ वरदराजन पर एफआईआर होते ही पूरा लिरबल तंत्र सक्रिय हो गया है। उसके अमेरिकी नागरिक होने का 'डर' दिखाया जा रहा।

शशि थरूर पर एक से ज्यादा FIR है जिस मामले में, उसी पर फिर फैलाया फेक न्यूज… ट्विटर लगा रहा सब पर रोक

शशि थरूर ने अपने ट्वीट में लिखा कि नवरीत की ऑटोप्सी रिपोर्ट के मुताबिक़ उसकी ठुड्डी और कान की हड्डियों में छेद था। थरूर ने सवाल उठाया कि...

The Wire के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन पर FIR: ‘किसान’ की मौत पर फैलाई थी फेक न्यूज, एक्शन में UP पुलिस

उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित सिविल लाइन थाने में 'The Wire' के सिद्धार्थ वरदराजन के खिलाफ FIR दर्ज की गई। इस FIR में...

ट्रैक्टर पलटने से हुई थी ‘किसान’ की मौत, ‘The Wire’ ने परिजनों के नाम पर डॉक्टरों पर मढ़ा दोष: प्रशासन ने फटकारा

वीडियो में देखा जा सकता था कि ट्रैक्टर पलटने के कारण 'किसान' की मौत हुई। 'The Wire' और सिद्धार्थ वरदराजन लगातार अफवाह फैलाने में लगे हुए हैं।

अडानी ग्रुप द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में पत्रकार प्रंजॉय गुहा ठाकुरता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

गुजरात की एक अदालत ने अडानी ग्रुप द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में पत्रकार प्रंजॉय गुहा ठाकुरता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

फेक न्यूज़ में द वायर ने घुसाया जातिगत एंगल वहीं आरोपितों के मुस्लिम होने पर छिपाया उनका मज़हब और नाम: जानें क्या है मामला

प्रोपेगैंडा वेबसाइट द वायर ने हिंदू विरोधी खबर को अंजाम देने की जल्दबाजी में न केवल झूठी खबर को फैलाया, बल्कि अपराध को जातिगत एंगल देकर लोगों को भड़काने का भी काम किया।

कश्मीरी पत्रकारों को पीटा: The Wire का आतंकवाद के खिलाफ मुखर IPS अधिकारी के खिलाफ प्रोपेगंडा

संदीप चौधरी जम्मू कश्मीर में अनंतनाग के SSP हैं। पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ मुखर इस IPS अधिकारी के खिलाफ 'The Wire' ने लेख लिखा है।

देखिए 48 घंटों में द वायर ‘मोदी की रैली में कोई नहीं आता’ से ‘बिहार में मोदी को सब चाहते हैं’ कैसे पहुँच गया

द वायर सरीखे एजेंडापरस्त मीडिया समूहों के लिए इस श्रेणी का गिरगिटनुमा विश्लेषण या दावा कोई नई बात नहीं है। प्रोपेगेंडा ही इनका एकमात्र उद्देश्य है भले उसके लिए स्क्रीन पर कुछ अनर्गल ही क्यों न परोसना पड़े।

कानपुर लव जिहाद SIT रिपोर्ट: आखिर वामपंथियों को 14 साल की बच्चियों का समुदाय विशेष वालों द्वारा गैंगरेप क्यों नॉर्मल लगता है?

बात यह है कि हर मामले में खास मजहब का लड़का ही क्यों होता है? ईसाई या सिक्ख लड़के आखिर किसी हिन्दू लड़की को अपना नाम हिन्दू वाला बता कर प्रेम करते क्यों नहीं पाए जाते?

‘हिंदुओं को सबक सिखाने’ और ‘देश की गर्दन काटने’ वालों को TheWire क्यों कह रहा – एक्टिविस्ट, स्कॉलर?

दिल्ली दंगों और भीमा-कोरेगाँव के कई आरोपित आज जेल में हैं। 'The Wire' ने एक सूची बना कर इन सभी को निर्दोष बताने की कोशिश की है।

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