Friday, November 22, 2024

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मदरसा छात्रों और मौलवी के मलद्वार से बहा था खून, UP पुलिस का टॉर्चर: मीडिया गिरोह की साजिश का भंडाफोड़

सआदत छात्रावास के नाबालिग लड़कों ने ख़ुद दावा किया कि उनके गुदा से ख़ून बहने की ख़बरें झूठी हैं। सीतापुर के रहने वाले 21 साल के इरफ़ान हैदर ने बताया कि 'कुछ मदरसा छात्रों को पुलिस यातना का दंश झेलना पड़ा' जैसी सारी ख़बरें झूठी थीं, इनका कोई आधार नहीं था।

मवाना में जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम उपद्रवियों ने फिर लगाए ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे, प्रशासन मुस्तैद

इससे पहले कि माहौल बिगड़ता घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम ऋषिराज, सीओ यूएम मिश्रा पुलिस दल-बल के साथ घटना-स्थल पर पहुँचे। पुलिस के आते ही सभी उपद्रवियों ने अपने घरों और गलियों में घुसना शुरू कर दिया और ग़ायब हो गए।

मेरठ में दंगाइयों ने की थी 30 पुलिसकर्मियों को ज़िंदा जलाने की कोशिश: पुलिस ने जारी किए वीडियो

इस मामले में पुलिस ने 13 मुकदमें दर्ज कर क़रीब 148 उपद्रवियों को नामजद किया और 500 से अधिक लोग अज्ञात हैं। पुलिस ने दंगे में शामिल उपद्रवियों की फोटो और वीडियो के आधार पर उनकी पहचान की है। साथ ही दंगाइयों के पोस्टर्स भी शहर भर में लगाए गए हैं।

AMU में दंगा करने वाले 12 की हुई पहचान: लगेगा गुंडा एक्ट, 6 महीने के लिए होंगे तड़ीपार

CAA विरोधी प्रदर्शन के दौरान भीड़ को इनलोगों ने हिंसा और पुलिस पर हमले के लिए उकसाया था। FIR में एएमयू छात्र संघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज का भी नाम है। उसके अलावा पॉंच पूर्व छात्र ऐसे हैं जिनका आपराधिक अतीत रहा है।

UP पुलिस को गुमराह कर रहे समुदाय के लोग, दंगाइयों को सुपुर्द करने का वादा भी नहीं किया पूरा

लोग पुलिस को गुमराह करते हुए आरोपितों का ग़लत नाम-पता बता रहे हैं। एक ही व्यक्ति को कोई इस्लाम नगर का कबीर बताता है तो दूसरा श्याम नगर का रशीद।

टूटे हाथ वाले मौलवी की तस्वीर का दूसरा पहलू: मदरसे के अंदर से पुलिस पर हुई थी गोलीबारी, तब लिया एक्शन

सोशल मीडिया में एक तस्वीर बड़ी तेज़ी से वायरल हो रही है। इस तस्वीर में 72 वर्षीय शिया मौलवी असद रज़ा हुसैनी के एक हाथ पर प्लास्टर चढ़ा हुआ है और शरीर पर घाव के निशान हैं। सहानुभूति बटोरती इस तस्वीर का एक दूसरा पहलू भी है, जो दंगाइयों, मीडिया-सोशल मीडिया गिरोह के प्रोपेगेंडा को उजागर करती है।

प्रियंका गाँधी के सामने जिस लेडी अफसर से हुई धक्का-मुक्की, सुबह ही हुई थी उनके भाई की मौत

अपने दुख को भूल डॉ. अर्चना सिंह यह सुनिश्चित करने में जुटी थीं कि प्रियंका गॉंधी की सुरक्षा में सेंध न लगे। तब शायद ही उन्होंने सोचा होगा कि प्रियंका के सामने उनके साथ बदसलूकी होगी और उलटे आरोप उन पर ही मढ़ दिया जाएगा।

‘…जो पाकिस्‍तान के समर्थन में नारे लगा रहे थे, उनके लिए था मेरठ SP का बयान, यह ग़लत नहीं’

"सैल्यूट है मेरठ के सिटी एसपी अखिलेश नारायण सिंह को, पाकिस्तान ज़िंदाबाद और भारत मुर्दाबाद के नारे लगा रहे उपद्रवियों को करारा जवाब देने के लिए। अब कुछ तथाकथित प्रबुद्धों को अफ़सोस है कि भारत मुर्दाबाद और पाकिस्तान ज़िंदाबाद बोलने वाले गद्दारों को पाकिस्तान जाने को क्यों कहा।"

वे देश विरोधी नारे लगा रहे थे, आपत्तिजनक पर्चे बाँट रहे थे: ‘पाकिस्तान चले जाओ’ पर ADG

एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि वीडियो 20 दिसंबर का है। उन्होंने कहा कि इसको अब वायरल किया जाना बताता है कि कुछ लोग साजिश रच रहे हैं ताकि हालात सामान्य न हो सके।

पाकिस्तान परस्त दंगाइयों को जब SP ने समझाया, तो NDTV ने उसे ‘मुस्लिमों को धमकाया’ कह कर दिखाया

फैज की "हम देखेंगे... बस नाम रहेगा अल्लाह का" वाले पर इसी मीडिया गिरोह ने संदर्भ की बात करते हुए लेख पर लेख दे मारे। तो क्या दंगे-आगजनी की जगह पुलिस के निर्णय संदर्भ से परे हो जाते हैं? उसकी व्याख्या क्यों नहीं! क्योंकि ये आपके नैरेटिव को सूट नहीं करता।

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