कवाला गाँव की घटना के बाद मुजफ़्फरनगर शहर और शामली में भी दो संप्रदाय के बीच दंगे हुए थे। इस दंगे में लगभग 60 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे।
सरकारी बयान के बाद मैंने कुंभ को एक पत्रकार के नजरिए से देखना शुरू कर दिया। मैं देखना चाहता था कि क्या वाकई में कुंभ में पहुँचने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए अच्छी तैयारी की गई है या सबकुछ कागजी और हवा-हवाई है?
योगी आदित्यनाथ ने 2013 में अखिलेश सरकार के दौरान हुए मुज़फ़्फ़रनगर दंगों से जुड़े जिन मुक़दमों को वापस लेने का निर्णय लिया है, उनमे कोई भी भाजपा नेता आरोपित नहीं है।
सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाने वाले देशहित और जनता की बात करते हैं! अखिलेश यादव जी आप किसी पर भी सवाल उठाने से पहले अपने कार्यकाल का समय आखिर क्यों भूल जाते हैं?
आबकारी विभाग के आँकड़ों की मानें तो वर्तमान में हो रही शराब और बीयर की बिक्री के हिसाब से एक साल में गौ रक्षा के लिए लगभग 165 करोड़ रुपए जुटाया जा सकेगा
रेलवे स्टेशन के नाम को बदले जाने के करीब छ: महीने बाद अब उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने मुग़लसराय तहसील का भी नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय तहसील करने का फ़ैसला किया है।