"साड़ी चैलेंज जैसे हालिया ट्रेंड, जिनमें महिलाएँ अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अपनी तस्वीरें अपलोड करती हैं और अपने दोस्तों को टैग करती हैं, एक चेन बनाती हैं। वे आपराधिक तत्वों को डीप न्यूड जैसी वेबसाइटों का इस्तेमाल करने का मौका देती हैं।"
अटकलों का बाजार गर्म हो गया था और सभी इस सवाल के जवाब को तलाशने में लग गए थे कि आख़िर प्रधानमंत्री सोशल मीडिया को क्यों अलविदा कहना चाहते हैं? अब उन्होंने इस बात का जवाब दे दिया है। पीएम मोदी की उस घोषणा के पीछे का राज उन्होंने ख़ुद खोला है।
ये महिलाएँ हैं दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाक़ों की। ऑपइंडिया से बातचीत के दौरान इन्होंने बताया कि वो पल-पल दंगाई भीड़ के डर के साए में जी रही हैं। महिलाओं ने अपना दुःखड़ा सुनाते हुए कहा कि समुदाय विशेष के लोग आकर उनके घरों को आग के हवाले करने की धमकी देते हैं।
दर्दनाक दास्तानों की फेहरिस्त लंबी है। सिलसिला टूट नहीं रहा। इसलिए छपाक देखना या नहीं देखना आपकी मर्जी है। पर ऐसी घटनाओं से लड़ना समाज के तौर पर हमारे लिए मर्जी का सवाल नहीं। हमें लड़ना ही होगा।
दीपिका पादुकोण ने फ़िल्म में एसिड अटैक सर्वाइवर का महज़ किरदार निभाया जबकि रंगोली चंदेल पर हक़ीक़त में तेज़ाब से हमला हुआ था। उन्होंने वास्तव में उस दर्दनाक पीड़ा को सहा है। लेकिन वामपंथी गिरोह के अतुल खत्री को मतलब सिर्फ दक्षिणपंथी घृणा से है। तभी तो वो फिल्म को सराहते हैं जबकि चंदेल को चांडाल बोल कर...
नए क़ानून के तहत रिकॉर्ड समय सात दिनों के भीतर यौन अपराधों के मामलों की जाँच और चार्जशीट दाखिल करने की तारीख से 14 कार्य दिवसों के भीतर मुक़दमे को पूरा करने की बात कही गई है। नए पारित क़ानून के तहत सज़ा के ख़िलाफ़ अपील को छ: महीने के अंदर निपटाना होगा।