पीड़ित परिवार ने लखनऊ में कमलेश तिवारी की प्रतिमा लगाने की माँग की है। साथ ही खुर्शीद बाग़ इलाक़े का नाम बदल कर कमलेश नगर करने की माँग की गई है। हिंदुत्ववादी नेता तिवारी की 18 अक्टूबर को उनके कार्यालय में निर्मम हत्या कर दी गई थी।
महिला मड़ियांव की रहने वाली है। उसने पूछताछ में बताया कि युवकों ने उससे खुर्शेदबाग कॉलोनी का पता पूछा था। शुरुआती जॉंच के आधार परा पुलिस और एटीएस का कहना है कि तिवारी की हत्या से महिला का कोई संबंध नहीं है।
राशिद पठान दुबई की जिस कंपनी में काम करता था उसका मालिक पाकिस्तानी ही है। वह हाल ही में घर लौटा था। पठान सहित तीन को एटीएस ने सूरत से दबोचा है। अब एटीएस उसके पाकिस्तानी कनेक्शन को खंगाल रही है।
हाल ही में ख़बर आई थी कि पाकिस्तान ने हिज़्बुल, लश्कर और जमात को अलग-अलग टास्क सौंपे हैं। एक टास्क कुछ ख़ास नेताओं को निशाना बनाना भी था? ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कमलेश तिवारी के हत्यारे किसी आतंकी समूह से प्रेरित हों।
"कमलेश तिवारी के बड़े बेटे के लिए यूपी प्रशासन सरकारी नौकरी की अनुशंसा करेगी। आत्मरक्षा के लिए उसे लाइसेंसी हथियार भी प्रदान किया जाएगा। उन्हें उचित वित्तीय सहायता प्रदान किया जाएगा। इन सभी बातों पर एक समिति द्वारा विचार किया जा रहा है।"
हत्या के 24 घंटों के भीतर ही यूपी पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया जिनके नाम मोहसिन शेख, फैजान और राशिद अहमद पठान हैं। गुजरात एटीएस के संपर्क में भी यूपी पुलिस है।
"हज हाउस का नामकरण महापुरुषों के नाम पर होना चाहिए, जो पूरे देश में आदर्श हों। इन महापुरुषों के ज़रिए आम लोगों और युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है, उनसे प्रेरित होकर लोगों के मन में कुछ कर गुज़रने का जज़्बा पैदा होगा।"
अयोध्या मामले में फ़ैसले की घड़ी समीप आने के साथ ही यूपी सरकार भी एक्शन के मोड में आ गई है। अधिकारियों को अपने मुख्यालय में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।
40 कुम्हार परिवार की आबादी वाले गाँव जयसिंहपुर में सभी परिवारों को क्षमता अनुसार दीपक बनाने का ऑर्डर दिया गया है। कुम्हारों के चाक जगमग हो उठे हैं। इससे चाइनीज झालरों की चकाचौंध कम होगी और दीपक की रौशनी में पूरा अयोध्या नहाएगा।
केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा, “देवी लक्ष्मी हथेली, साइकिल या घड़ी पर नहीं बैठतीं, बल्कि वह कमल पर बैठती हैं। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 कमल के फूल के कारण ही निरस्त हुआ। कमल विकास का प्रतीक है।”