सुशांत सिंह राजपूत की मौत को आत्महत्या कहना इस घटना का बेहद सतही आँकलन कहा जा सकता है। जैसे-जैसे जाँच आगे बढ़ रही है, इसमें हर दिन और हर पल नया खुलासा हो रहा है।
भारत की पत्रकारिता में यह रवीश का सबसे बड़ा योगदान है। अच्छी योजनाओं और सरकारी कार्यों में भी, खोज-खोज कर कमियाँ बताई जाने लगी हैं। देखा-देखी बाकी वामपंथी एंकरों और पुराने चावल पत्रकारों ने भी, अपनी गिरती लोकप्रियता बनाए रखने के लिए, अपने दैनिक शौच से पहले और फेफड़ों से चढ़ते हर खखार (हिन्दी में बलगम) के बाद, मोदी और सरकार को गरियाना अपना परम कर्तव्य बना लिया है।
डोकलाम में दोनों सेनाओं के पीछे हटने के बाद राहुल गाँधी वीडियो लेकर इसलिए आए, क्योंकि ये चीनी सेना के समर्थन में हैं। उन्होंने चीन की गोद में बैठकर भारत सरकार की असफलताओं पर 'चर्चा' की।
चार्जशीट के मुताबिक सफूरा भी पुलिस हेड कॉन्सटेबल रतन लाल की हत्या की उतनी ही जिम्मेदार है, जितनी कि दंगाइयों की भीड़। रतन लाल की हत्या में सफूरा का नाम मुख्य साजिशकर्ता में शामिल है।
ताहिर हुसैन ने इंसानों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया। हुसैन ने खुद ही कबूला कि उसी ने मुस्लिम भीड़ को भड़काया था और चाँदबाग, खजूरी खास एवं अपने छत से हिंसा भड़काया था।
जब पुलिस विकास दुबे को पकड़ने में सफल नहीं हो पा रही थी तो लिबरलों ने कहा कि योगी सरकार ब्राह्मण अपराधियों को बचाना चाह रही है। लिबरलों ने नैरेटिव फैलाया कि छोटे अपराधियों का एनकाउंटर किया जाता है.......