पंजाब में AAP की सरकार बनने से पहले ही उस पर सरकारी खजाने से विज्ञापनों के लिए 85 लाख रुपए लुटाने के आरोप लगे हैं। शपथग्रहण के लिए 40 एकड़ गेहूँ खेत बर्बाद किए।
उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार जमानत भी नहीं बचा पाए। उत्तर प्रदेश में वह नोटा से पिछड़ गई है। गोवा में भी उसके सीएम कैंडिडेट हार गए।
पंजाब विधानसभा चुनावों की मतगणना शुरू होने के बाद सामने आ रहे रुझान बेहद चौंकाने वाले हैं। वहाँ न कैप्टेन का जादू चल रहा है और न ही सिद्धू, चन्नी या मालविका सूद का।
जिस दल पर SFJ से समर्थन लेने के आरोप हों, जिसके मुखिया पर खालिस्तानियों को घर बुलाने के आरोप हों - पाकिस्तान से सटे पंजाब में उसकी जीत के खतरनाक मायने होंगे।