"गृह मंत्री अमित शाह जी से मिला। बहुत ही फलदायी मुलाकात रही। दिल्ली से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई। हम दोनों सहमत हुए कि दिल्ली के विकास के लिए मिलकर काम करेंगे।"
AAP विधायक आतिशी मार्लेना ने ट्वीट के जरिए बताया कि वो कुछ और देखना चाहती थीं, लेकिन एक MLA होने के नाते उन्हें जनता (भतीजी) की बात सुननी पड़ी और आखिर में उन दोनों ने हैरी पॉटर फिल्म देखने का ही फैसला किया। लेकिन कहानी इसके बाद शुरू होती है, जब...
अजय माकन के ट्वीट पर पलटवार करते हुए मिलिंद देवड़ा ने उनके राजनीतिक मंशे पर ही सवाल खड़े कर दिए। मिलिंद ने कहा, "अगर आपने AAP के संग गंठबंधन की वकालत के बजाय शीला दीक्षित (जिनके कामों पर आपने हमेशा निशाना साधा) के कामों को जनता के बीच ले जाते तो आज हम सत्ता में होते।"
70 में से 62 सीटें खाते में जाने का तो कम से कम यही संदेश है कि सुल्तान अपने अस्तबल में न होकर एक ऐसे आदमी के साथ चने खा रहा है, जिसने उसे वायदों के सिवाय और कुछ नहीं दिया।
राजनीति में प्रतीकों के गहरे मायने होते हैं। केजरीवाल ने शपथ लेते वक्त संदेश दे दिया है कि चुनाव के दौरान पैदा हुई हनुमान भक्ति फिलहाल चलती रहेगी। तब तक आप की टोपी की जिम्मेदारी नन्हे अव्यान तोमर के सिर पर होगी।
केजरीवाल ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली है। लेकिन, एक बार फिर अपनी कैबिनेट में महिलाओं को शामिल नहीं किया है। इससे सवाल उठने लगे हैं कि क्या उनके लिए महिलाएँ केवल वोट बैंक हैं?
"ये नई तरह की दिल्ली है जहाँ बिजली मुफ़्त, पानी मुफ़्त, आना मुफ़्त, जाना मुफ़्त... बीमार हुए तो एक करोड़ का इलाज भी मुफ़्त... मोर को नाचते देखकर लगा अगर मुफ़्त योजना अंग्रेज़ लाते तो ये मोर कभी आज़ाद नहीं होना चाहता।"
केजरीवाल छह मंत्रियों के साथ रविवार को शपथ लेंगे। दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें सभी स्कूलों को आदेश दिया गया है कि वे अपने यहाँ से 20 शिक्षकों को शपथ ग्रहण स्थल पर भेजें।
दिल्ली चुनाव परिणामोंं में सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि बीजेपी की करारी हार में भी उसकी एक बड़ी जीत छिपी हुई है। ऐसा इसलिए कि इस 70 विधानसभा सीटों में से 8 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की है। वहीं इसमें गौर करने वाली बात यह कि बीजेपी का इस बार करीब 63 सीटों पर वोट शेयर बढ़ा है।
दिल्ली के मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र के चुनाव परिणाम कैसे रहे, ये जानने के लिए आपको 18वें से लेकर 23वें राउंड तक की मतगणना पर एक नज़र डालनी होगी। इन 5 राउंड्स में, मुस्लिम ध्रुवीकरण का सबसे बड़ा खेल देखने को मिला। दिल्ली चुनाव AAP ने विकास के बल पर जीता, ये नैरेटिव एकदम गलत साबित होता है।